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बिहार में फिर NDA विजय, सिन्हा बने स्पीकर

4 years ago
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बिहार विधासभा स्पीकर चुनावः एनडीए के विजय सिन्हा बने नए अध्यक्ष Bihar assembly speaker election Vijay Singh of NDA becomes new president

 

जदयू ने आखिरी वक्त पर व्हिप जारी कर तेजस्वी का खेल बिगाड़ा, भाजपा को पहली बार स्पीकर की कुर्सी मिली

 

पटना, 25 नवंबर 2020/    बिहार विधानसभा में महागठबंधन की जमकर मोर्चेबंदी के बावजूद NDA उम्मीदवार विजय कुमार सिन्हा स्पीकर चुन लिए गए। जदयू ने आखिरी वक्त पर व्हिप जारी कर दिया। इससे तेजस्वी का खेल बिगड़ गया और राज्य में पहली बार स्पीकर की कुर्सी भाजपा को मिल गई।

राज्य में 51 साल यानी 1969 के बाद स्पीकर पद के लिए चुनाव हुआ। चुनाव से पहले जमकर उठापटक भी हुई। पटना से करीब 350 किलोमीटर दूर रांची में चारा घोटाले की सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव ने भी भाजपा विधायकों को अपने पक्ष में करने की कोशिश की, लेकिन उनका चारा काम न आया। नए स्पीकर सिन्हा (53) लखीसराय से लगातार तीसरी बार भाजपा विधायक हैं। वे मंत्री भी रह चुके हैं।

आखिरी वक्त पर जदयू का व्हिप
भाजपा एक दिन पहले ही विधायकों को हाजिर रहने का व्हिप जारी कर चुकी थी, जबकि जदयू ने व्हिप जारी नहीं करने का फैसला किया था। उसने इसकी घोषणा भी की थी, लेकिन आखिरी वक्त पर उसने सेफ साइड में व्हिप जारी कर दिया। अगर जदयू के विधायक नहीं आते और भाजपा का उम्मीदवार हार जाता, तो यह कहा जाता कि नीतीश ने लोजपा-भाजपा के रिश्तों के विरोध में ऐसा किया। माना जा रहा है कि ऐसे आरोपों से बचने के लिए ही जदयू ने व्हिप जारी करने का फैसला किया।

वोटिंग से पहले जमकर हंगामा हुआ
स्पीकर के चुनाव से पहले विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी विधायक वेल में आ गए और सीएम नीतीश कुमार की मौजूदगी का विरोध करने लगे। दो घंटे तक हंगामा चलता रहा। पूर्व सीएम जीतनराम मांझी को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था। वे वॉइस वोट से स्पीकर का चुनाव कराना चाहते थे, लेकिन विपक्ष राजी नहीं था।

विपक्ष इस बात पर भी अड़ा था कि जब सीएम नीतीश कुमार और दो मंत्री अशोक चौधरी और मुकेश सहनी नई विधानसभा के सदस्य नहीं हैं तो उन्हें मतदान प्रक्रिया के दौरान सदन से बाहर किया जाए और सीक्रेट बैलेट से वोटिंग कराई जाए।

विपक्ष वेल तक आया, सीएम को बाहर जाना पड़ा
विपक्ष के सदस्य वेल में बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। जब विपक्ष का बवाल नहीं थमा तो प्रोटेम स्पीकर मांझी ने विधान परिषद के सदस्य नीतीश कुमार और दोनों मंत्रियों चौधरी और सहनी को बाहर जाने को कहा। दोपहर 12 बजे करीब 5 मिनट के लिए सदन स्थगित करा दिया।

सिन्हा के पक्ष में 126 वोट और विरोध में 114 वोट पड़े
इसके बाद सदन जब दोबारा बैठा, तब भी विपक्ष ने सीक्रेट वोटिंग की मांग जारी रखी। प्रोटेम स्पीकर ने सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों को बारी-बारी से खड़ा कर वोटों की गिनती कराई। इसके बाद दोपहर करीब पौने एक बजे प्रोटेम स्पीकर ने NDA प्रत्याशी सिन्हा को स्पीकर घोषित कर दिया। सिन्हा के पक्ष में 126 वोट और विरोध में 114 वोट पड़े। हंगामे के बीच नए अध्यक्ष को तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार ने आसन पर बैठाया। मांझी ने प्रोटेम स्पीकर होने की वजह से वोट नहीं दिया, जबकि बसपा के दो विधायक गैर-हाजिर रहे।

नीतीश ने स्पीकर को बधाई दी, तेजस्वी बोले- निष्पक्ष रहना होगा

  • मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विजय सिन्हा के लिए कहा कि आपको नियमानुसार कार्य का संचालन करना है। आप मंत्री भी रहे हैं, विश्वास है कि आप विधानसभा अध्यक्ष का कार्यभार अच्छे से निभाएंगे। सभी लोगों को अपनी बात रखने का अधिकार है, नए अध्यक्ष नियमानुसार कार्यवाही संचालित करेंगे। मैं नए स्पीकर को बधाई देता हूं।
  • तेजस्वी ने भी सिन्हा को बधाई दी। कहा- आसन को निष्पक्ष होना होगा। ये जिम्मेदारी भरा पद है, ये जिम्मेदारी आपको निभानी होगी।

तेजस्वी बोले- खुलेआम चोरी हुई
इससे पहले विधानसभा में हंगामे की वजह से 5 मिनट के लिए हाउस स्थगित किया गया था। इसी 5 मिनट में तेजस्वी यादव ने वीडियो रिकॉर्ड कर बयान जारी किया। तेजस्वी ने कहा- देश-दुनिया के सामने लोकतंत्र और संविधान की हत्या हो रही है। विधानसभा चुनाव में जनादेश की चोरी और स्पीकर के चुनाव में भी खुलेआम चोरी हो रही है।

तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार विधानसभा नहीं, विधान परिषद के सदस्य हैं। दो मंत्री तो विधान परिषद के भी सदस्य नहीं हैं। उनके कई विधायक गैर-हाजिर हैं और नेताओं को फर्जी विधायक बनाकर बैठाया गया है। नियम कहता है कि जो सदन का सदस्य नहीं होता, उसे वोटिंग के लिए दरवाजे बंद होने से पहले बाहर जाना होता है।

विपक्ष ने गुप्त मतदान की मांग ठुकराए जाने और सदन में नीतीश कुमार की मौजूदगी पर हंगामा किया।
विपक्ष ने गुप्त मतदान की मांग ठुकराए जाने और सदन में नीतीश कुमार की मौजूदगी पर हंगामा किया।

संविधान विशेषज्ञ ने कहा- सीएम सदन में रह सकते हैं
संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप के मुताबिक, विधानसभा अध्यक्ष के लिए वोटिंग के दौरान सीएम सदन में रह सकते हैं, चाहे वह सदन के सदस्य हों या न हों।

कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद सदन पहुंचे जदयू विधायक अनिरुद्ध प्रसाद।
कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद सदन पहुंचे जदयू विधायक अनिरुद्ध प्रसाद।
राजद विधायक अनंत सिंह ने शपथ ली।
राजद विधायक अनंत सिंह ने शपथ ली।

महागठबंधन से अवध प्रत्याशी थे

NDA की ओर से भाजपा के विधायक विजय कुमार सिन्हा उम्मीदवार थे, जबकि महागठबंधन की ओर से अवध बिहार चौधरी प्रत्याशी बनाए गए। प्रदेश में 51 साल बाद विधानसभा अध्यक्ष पद को लेकर वोटिंग हुई। इससे पहले सत्तापक्ष का ही अध्यक्ष निर्विरोध चुने जाने की परंपरा चलते आ रही थी। लेकिन, महागठबंधन ने अपना उम्मीदवार उतारकर सियासी खेल को और भी रोमांचक बना दिया।

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