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बेमेतरा के कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री सिंहदेव की गैरमौजूदगी पर उठे सवाल, बघेल बोले – CM यहां है तो प्रभारी मंत्री को कोई पूछता है क्या ?
रायपुर 03 अक्टूबर 2021/ छत्तीसगढ़ में राजनीति का कोल्डवॉर अलग ही स्तर पर पहुंचता दिख रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दो दिनों से बेमेतरा प्रवास पर हैं। वहां कई परियोजनाओं का उद्घाटन और भूमिपूजन हुआ, लेकिन प्रभारी मंत्री टीएस सिंहदेव नहीं दिखे। इस पर आज स्थानीय पत्रकारों ने सवाल उठाया तो मुख्यमंत्री ने कहा, जब मुख्यमंत्री यहां है तो प्रभारी मंत्री को कोई पूछता है क्या?
महात्मा गांधी के जन्मदिन पर शनिवार को बेमेतरा में किसान सम्मेलन का आयोजन हुआ था। मुख्यमंत्री इसमें मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को सम्मेलन का अध्यक्ष बनाया गया था। वहीं, प्रभारी मंत्री टीएस सिंहदेव, कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, दुर्ग सांसद विजय बघेल, विधायक गुरुदयाल सिंह बंजारे और आशीष छाबड़ा को विशिष्ट अतिथियों में शामिल किया गया। इस समारोह में प्रभारी मंत्री टीएस सिंहदेव और दुर्ग विधायक विजय बघेल शामिल नहीं हुए। इसमें मुख्यमंत्री ने विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास किया। सम्मेलन के बाद मुख्यमंत्री बेमेतरा में ही रुके। विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों से बात की। आज पत्रकारों से चर्चा में प्रभारी मंत्री की गैर मौजूदगी पर सवाल हुए तो उन्होंने कहा, जब मुख्यमंत्री यहां है तो प्रभारी मंत्री को कोई पूछता है क्या, क्या बात करते हैं? मुख्यमंत्री ने आज भी स्थानीय अस्पताल में कई मशीनों की शुरुआत की।
हर जिले में मेडिकल कॉलेज का वादा
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, राज्य बनने के 17-18 सालों में केवल 7 सरकारी मेडिकल कॉलेज ही थे। उनकी सरकार के ढाई सालों में कोरबा, महासमुंद, कांकेर में तीन और दुर्ग के चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज अधिग्रहण के बाद चार मेडिकल कॉलेज बन गए हैं। लक्ष्य था कि हर लोकसभा क्षेत्र में एक मेडिकल कॉलेज हो जाए। जांजगीर-चांपा छोड़कर सभी लोकसभा क्षेत्रों में मेडिकल कॉलेज बन चुके हैं। अब प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज बनाने का लक्ष्य है।
गोबर से बिजली उत्पादन परियोजना भी शुरू की
मुख्यमंत्री ने कल बेमेतरा जिले के राखी गौठान, दुर्ग जिले के सिकोला तथा रायपुर जिले के बनचरौदा में गोबर से बिजली उत्पादन परियोजना शुरू की। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोबर से वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन से जितना लाभ महिला समूहों को हो रहा है, बिजली उत्पादन शुरू होने से उन्हें दोगुना लाभ मिलने लगेगा। मुख्यमंत्री ने कहा, एक समय था जब विद्युत उत्पादन का काम सरकार और बड़े उद्योगपति ही किया करते थे। अब हमारे गांव के टेटकू, बैशाखू, सुखमती, सुकवारा भी बिजली बनाएंगे और बेचेंगे।