वैक्सीन के लिए जद्दोजहद : फाइजर की शर्त मानने को केंद्र तैयार, 4 महीने में 5 करोड़ टीके मिल सकते हैं; मॉडर्ना, J&J के इनकार के बावजूद विदेशी टीके की उम्मीद कायम
नई दिल्ली, 26 मई 2021/ माॅडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन इस साल भले ही टीका देने में असमर्थता जता चुकी हैं, लेकिन फाइजर से भारत को टीके मिलने की उम्मीद अभी बनी हुई है। दरअसल, फाइजर भारत को वैक्सीन देने से पहले नियमों में कुछ छूट चाहती है, जबकि केंद्र सरकार पहले इसके लिए तैयार नहीं थी।
लेकिन, सूत्र बता रहे हैं कि सरकार अब फाइजर की शर्त मानने को तैयार हो गई है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर अमेरिका के दौरे पर हैं। वे वहां फाइजर के संपर्क में हैं। बताया जा रहा है कि किसी भी समय फाइजर और भारत सरकार के बीच वैक्सीन डील की घोषणा हो सकती है।
फाइजर चाहती है कि वैक्सीन के दुष्प्रभाव होने पर कंपनी पर कानूनी कार्रवाई ना हो। दुनियाभर में 15 करोड़ लोगों को फाइजर की वैक्सीन लग चुकी है। कहीं से भी गंभीर साइड इफेक्ट की पुष्ट सूचनाएं नहीं आई हैं। ऐसे में ब्रिटेन समेत 116 देश फाइजर को नियमों में छूट दे चुके हैं।
इसे देखते हुए भारत सरकार भी छूट देने को तैयार है। अगर डील होती है तो फाइजर अगले 4 महीने में कुल 5 करोड़ डोज भारत को देने की तैयारी में है। 1-1 करोड़ डोज जुलाई-अगस्त में, 2 करोड़ डोज सितंबर में और 1 करोड़ डोज अक्तूबर में भारत पहुंच सकती है।
जॉनसन एंड जॉनसन के टीके की 100 करोड़ डोज भारत में ही बननी हैं, सभी विदेश जाएंगी; सरकार चाहती है कि इनमें से कुछ डोज हमें मिलें
केंद्रीय कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में हाल में हुई एक अहम बैठक में देश में वैक्सीन की ताजा स्थिति का ब्योरा रखा गया। इसमें यह भी बताया कि माॅडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन इस साल मिलनी लगभग नामुमकिन है। दूसरी ओर, जॉनसन एंड जॉनसन की अगले एक साल तक बनने वाली सभी डोज दुनियाभर के देशों ने बुक कर रखी हैं।
जॉनसन एंड जॉनसन की 100 करोड़ डोज भारत में ही बनेंगी, लेकिन ये सभी बाहर चली जाएंगी। लिहाजा विदेश मंत्रालय और डिपार्टमेंट ऑफ बॉयोटेक्नोलॉजी संभावना तलाश रहे हैं कि भारत में बनने वाली जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन की कुछ डोज भारत को भी मिले।
माॅडर्ना की 5 करोड़ डोज भारत आएंगी, लेकिन 2022 में
माॅडर्ना 2022 तक भारत में सिर्फ एक डोज वाली वैक्सीन लाने की तैयारी में है। इसके लिए सिप्ला ने साल 2022 में मॉडर्ना से 5 करोड़ डोज खरीदने का समझौता कर लिया है। माॅडर्ना आने वाले दिनों में भारत सरकार के समक्ष अर्जी लगाने वाली है।
बायोलॉजिकल ई ने सरकार से आर्थिक मदद मांगी
भारतीय कंपनी बॉयोलॉजिकल ई. ने कहा कि वैक्सीन का कच्चा माल आयात करना पड़ता है। यह काफी महंगा भी हो गया है। इसलिए उसे आर्थिक मदद चाहिए। कंपनी का दावा है कि वह दिसंबर 2021 तक 30 करोड़ डोज बनाने की क्षमता रखती है।