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असम के नए सीएम : हिमंत बिस्वा को विधायक दल का नेता चुना गया

4 years ago
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गुवाहाटी/नई दिल्ली, 09 मई 2021/   असम विधानसभा चुनाव के नतीजों के एक हफ्ते बाद मुख्यमंत्री का नाम तय हो गया है। हिमंत बिस्वा सरमा को विधायक दल की बैठक में नेता चुना गया है। विधायक दल की बैठक में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पार्टी महासचिव अरुण सिंह और भाजपा के असम प्रभारी बैजयंत पांडा भी शामिल हुए। इससे पहले मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने राज्यपाल जगदीश मुखी को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।

 

सरमा और सोनोवाल शनिवार को ही दिल्ली में हाईकमान से मिलकर लौटे थे। दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा के आवास पर हाईप्रोफाइल मीटिंग हुई थी। मीटिंग में गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के जनरल सेक्रेटरी (संगठन) बीएल संतोष की मौजूदगी में नए मुख्यमंत्री के नाम पर चर्चा हुई थी। इसके बाद से ही सरमा के सीएम बनाए जाने की अटकलें तेज थीं।

मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने राज्यपाल जगदीश मुखी को अपना इस्तीफा सौंप दिया।

 

 

मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने राज्यपाल जगदीश मुखी को अपना इस्तीफा सौंप दिया।

 

 

असम में भाजपा+ ने जीती 75 सीटें
असम में तीन चरणों में हुए चुनाव में भाजपा गठबंधन को 75 सीटें मिली हैं। यह आंकड़ा बहुमत से अधिक है। भाजपा की इस जीत ने असम में इतिहास रच दिया है, क्योंकि इससे पहले यहां 70 साल में कभी किसी गैर-कांग्रेसी पार्टी ने लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी नहीं की।

 

हिमंत ने एक लाख वोट से जीता चुनाव
सोनोवाल ने कांग्रेस नेता राजिब लोचन पेगू को 43,192 वोट से हराकर माजुली में लगातार दूसरी बार जीत हासिल की। वहीं हिमंत बिस्वा ने कांग्रेस के रोमेन चंद्र बोरठाकुर को 1.01 लाख मतों के अंतर से हराकर जालुकबारी सीट पर कब्जा बरकरार रखा। सोनोवाल और सरमा के अलावा भाजपा के 13 अन्य मंत्री भी आसानी से अपनी सीट बरकरार रखने में कामयाब रहे।

 

NRC-CAA से भाजपा को नुकसान नहीं
इन नतीजों ने यह बता दिया है कि NRC यानी नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स और CAA यानी सिटिजन अमेंडमेंटशिप एक्ट का मुद्दा भाजपा को नुकसान नहीं पहुंचा पाया। यह दावा इसलिए भी पुख्ता हो जाता है, क्योंकि पिछली बार 12 सीटें जीतकर भाजपा को सत्ता दिलाने में मदद करने वाला बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट इस बार कांग्रेस और लेफ्ट के साथ था। इसके बावजूद भाजपा को नुकसान नहीं हुआ।

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