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किसान आंदोलन का 101वां दिन : पलवल में KMP-KGP एक्सप्रेस-वे पर जाम शुरू; किसान 4 बजे तक रोके रहेंगे वाहन, जरूरी सेवाओं की गाड़ियां नहीं रोकेंगे

4 years ago
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KMP-KGP एक्सप्रेस वे पर जाम लगाकर बैठे किसान। किसान नेताओं ने कहा है कि जब तक कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता और MSP पर कानून नहीं बन जाता, तब तक किसान आंदोलन जारी रखेंगे। - Dainik Bhaskar

 

 

 

पलवल/बहादुरगढ़/सोनीपत, 06 मार्च 2021/   किसान आंदोलन का आज 101वां दिन है। कृषि कानूनों के विरोध में धरने पर बैठे किसान शनिवार को हरियाणा में KMP-KGP एक्सप्रेस-वे 11 से 4 बजे तक जाम कर रहे हैं। इस दौरान जरूरी सेवाओं के वाहनों को नहीं रोका जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर यह जाम लगाया जा रहा है। वहीं, पुलिस प्रशासन हालात से निपटने को तैयार है। पुलिस प्रशासन ने शरारती तत्वों से निपटने की रणनीति तैयार करके DSP स्तर के अधिकारियों के नेतृत्व में पुलिस जवानों की ड्यूटियां लगा रखी हैं।

KMP-KGP एक्सप्रेस वे पर तैनात पुलिस बल।

 

 

KMP-KGP एक्सप्रेस वे पर तैनात पुलिस बल।

DSP स्तर के अधिकारियों की सहायता के लिए संबंधित थाना और चौकी प्रभारी के अलावा पुलिस के जवान एवं RAF अर्धसैनिक बलों की तैनाती दंगारोधी साजो-सामान के साथ की गई है। जिले में रोड जाम करने की संभावना के मद्देनजर ट्रैफिक डायवर्जन की भी अलग से व्यवस्था की गई है। इसके अलावा 8 स्थानों नेशनल हाईवे पर गदपुरी बॉर्डर, दूधौला मोड़, करमन बॉर्डर, बाबरी मोड होडल, असावटा मोड, आगरा चौक एवं KGP पर जलहाका व KMP पर नूंह बार्डर पर नाके लगाए जाएंगे। किसान नेताओं ने कहा है कि जब तक कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता और MSP पर कानून नहीं बन जाता, तब तक किसान आंदोलन जारी रखेंगे।

पलवल में KMP और KGP एक्यप्रेस-वे के जॉइंट पर धरने में शामिल किसान।

 

पलवल में KMP और KGP एक्यप्रेस-वे के जॉइंट पर धरने में शामिल किसान।

26 नवंबर को पंजाब और हरियाणा के किसानों ने रोहतक-दिल्ली हाईवे पर बहादुरगढ़ के निकट स्थित टीकरी बॉर्डर पर और नेशनल हाईवे नंबर 1 पर सोनीपत के कुंडली स्थित बॉर्डर पर किसान धरने पर बैठ गए थे। पूरे हरियाणा में किसानों और पुलिस के बीच झड़प की खबरें आई थी। लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया था। इसके बाद धरने के पहले दिन ही पंजाब के एक ट्रैक्टर मैकेनिक जनकराज की टीकरी के नजदीक कार में जिंदा जल जाने से मौत हो गई। फिर अब तक 200 से ज्यादा आंदोलनकारियों की मौत ठंड, दिल के दौरे और मानसिक तनाव में आत्महत्या के चलते हो चुकी है।

 

ट्रैक्टरों पर झंडे सजाकर किसान धरने में शामिल होने पहुंचे।

 

ट्रैक्टरों पर झंडे सजाकर किसान धरने में शामिल होने पहुंचे।

पिछले 100 दिन से टीकरी, कुंडली और गाजीपुर समेत दिल्ली के चारों तरफ किसानों के धरने जारी हैं। सबसे बड़ा विवाद 26 जनवरी को उस वक्त हुआ, जब ट्रैक्टर परेड के नाम किसानों को दिल्ली में एंटर करने की अनुमति मिली थी और फिर वहां लाल किले की प्राचीर पर तिरंगे का अपमान करते हुए खालसायी ध्वज फहरा दिया गया था। उपद्रव के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस कर्मचारी भी घायल हो गए। इस मामले में नामजद हुए आंदोलनकारी किसानों पर दर्ज केस लड़ने के लिए पंजाब की सरकार ने 70 वकीलों का पैनल नियुक्त कर रखा है।

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