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किसान संगठनों में फूट : किसान मजदूर संगठन ने आंदोलन से खुद को अलग किया, अध्यक्ष वीएम सिंह बोले- टिकैत हंगामे की जिम्मेदारी लें

4 years ago
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किसान आंदोलन में पड़ी फूट, अब अलग-अलग राग अलापने लगे किसान संगठन...

 

नई दिल्ली, 28 जनवरी 2021/   गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद किसान संगठनों में फूट पड़ गई है। किसान मजदूर संगठन ने बुधवार को शाम साढ़े चार बजे खुद को आंदोलन से अलग करने की घोषणा की। संगठन के प्रमुख वीएम सिंह ने कहा कि कोई आंदोलन इस तरह नहीं चल सकता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में जो हंगामा और हिंसा हुई, उसकी जिम्मेदारी भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत को लेनी चाहिए।

राकेश टिकैत समेत 6 किसान नेताओं पर केस; हिरासत में 200 उपद्रवी

ट्रैक्टर रैली में हुए उपद्रव पर दिल्ली पुलिस आज सुबह से ही एक्शन में है। अब तक 200 उपद्रवियों को हिरासत में लिया जा चुका है। पुलिस ने हिंसा, तोड़फोड़ और नियम तोड़ने की घटनाओं पर 22 FIR दर्ज की हैं। इनमें जानलेवा हमले, डकैती, सरकारी काम में रुकावट डालने और नियम तोड़ने जैसी धाराएं लगाई गई हैं।

एक FIR में 6 किसान नेताओं के नाम भी शामिल हैं। ये नेता- राकेश टिकैत, दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल और जोगिंदर सिंह हैं। इनके खिलाफ ट्रैक्टर रैली की शर्तें तोड़ने का केस दर्ज किया गया है। इन नेताओं ने उस NOC पर साइन किए थे, जो पुलिस ने ट्रैक्टर रैली के लिए जारी की थी।

पुलिस का दावा- प्रदर्शनकारियों ने शराब पी रखी थी
पुलिस का कहना है कि मंगलवार को ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में 300 जवान घायल हुए हैं। साथ ही कहा कि प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाबलों से आंसू गैस के गोले छोड़ने वाली गन छीन ली थी। यह गन लाल किले में एक प्रदर्शनकारी के पास देखी गई। उधर, उत्तर दिल्ली के कार्यवाहक DCP संदीप ने बताया, ‘कई हिंसक लोग अचानक लाल किले पहुंच गए। वे किसान थे या फिर जो भी थे, उन्होंने शराब पी रखी थी। उन्होंने हम पर तलवारों और दूसरे हथियारों से हमला कर दिया। स्थिति लगातार बिगड़ रही थी और हिंसक भीड़ को काबू करना हमारे लिए मुश्किल हो गया था।’

वहीं किसानों से झड़प में घायल हुए वजीराबाद के SHO पी सी यादव ने बताया, ‘लाल किले में जब प्रदर्शनकारी घुसे थे, उस वक्त वहां हम ड्यूटी पर थे। हमने उन्हें प्राचीर से हटाने की कोशिश की, लेकिन वे उग्र हो गए। हम किसानों के खिलाफ बल प्रयोग नहीं करना चाहते थे, इसलिए हमने जितना हो सका संयम रखा।’

न्यूज एजेंसी की तरफ से जारी इस फोटो में प्रदर्शनकारी के पास वही गन होने का दावा किया गया है जो पुलिस से छीनी गई थी।

 

न्यूज एजेंसी की तरफ से जारी इस फोटो में प्रदर्शनकारी के पास वही गन होने का दावा किया गया है जो पुलिस से छीनी गई थी।

 

लाल किले पर रैपिड एक्शन फोर्स तैनात, ड्रोन से निगरानी
किसानों ने मंगलवार को लाल किले में भी तोड़ फोड़ की थी। पुलिस ने उन्हें 3 घंटे के अंदर वहां से खदेड़ दिया था। लेकिन, एहतियातन लाल किले पर आज भी भारी सुरक्षाबल तैनात हैं। वहां रैपिड एक्शन फोर्स लगाई गई है। साथ ही ड्रोन से नजर रखी जा रही है। एक तरफ पुलिस अपना काम कर रही तो दूसरी ओर सरकार भी स्थिति पर नजर रखे हुए है। केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल ने बुधवार को लाल किले पहुंचकर नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने अफसरों से रिपोर्ट भी मांगी है।

 

भड़काऊ भाषण वाले बयान पर टिकैत ने सफाई दी
दिल्ली में हुए उपद्रव को लेकर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत पर सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि, रैली से पहले टिकैत का एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें टिकैत जिन लोगों से बात कर रहे थे, उनसे कह रहे थे कि लाठी-गोती भी साथ रखना अपनी…झंडा लगाने के लिए, समझ जाना सारी बात। अब ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या टिकैत के कहने पर ही प्रदर्शनकारी लाठियां लेकर पहुंचे थे। इस पर सफाई देते हुए टिकैत बुधवार को बोले, ‘हां, हमने कहा था कि अपनी लाठियां साथ लाना। लेकिन, मुझे बिना डंडे वाला एक भी झंडा दिखा तो अपनी गलती मान लूंगा।’

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