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मोदी ने एक लाख लोगों को जमीन के पट्टे बांटे, बोले- जमीन सिर्फ घास-मिट्टी नहीं होती, यह हमारी मां है

4 years ago
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PM मोदी असम के शिवसागर पहुंचे हैं। यहां उन्होंने एक लाख से ज्यादा लोगों को जमीन का पट्‌टा देने की शुरुआत की। - Dainik Bhaskar

 

 

गुवाहाटी, 23 जनवरी 2021/  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज असम में हैं। यहां के शिवसागर जिले में उन्होंने एक लाख से ज्यादा लोगों को जमीन का पट्‌टा देने की शुरुआत की। इसका फायदा जिले के 1.06 लाख लोगों को होगा। पट्‌टे मिलने के बाद वे लोग जमीन के मालिक बन जाएंगे।

इस दौरान मोदी ने कहा कि हम सभी ऐसी संस्कृति के ध्वजवाहक हैं, जहां जमीन घास-मिट्टी-पत्थर के रूप में नहीं देखी जाती। हमारी जमीन हमारी मां है। भूपेन हजारिका ने कहा था- एक धरती माता मुझे अपने चरणों में जगह दीजिए। आपके बिना खेती करने वाला क्या करेगा। मिट्टी के बिना वो असहाय होगा।

उन्होंने कहा कि असम के लोगों का आशीर्वाद और आत्मीयता मेरे लिए बहुत बड़ा सौभाग्य है। आपका स्नेह मुझे बार-बार यहां ले आता है। बीते सालों में मुझे असम के कई हिस्सों में आने और विकास कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिला। इस बार असम के मूल निवासियों के स्वाभिमान से जुड़े कार्यक्रम में शामिल होने आया हूं।

‘मूल निवासियों के जीवन की बड़ी चिंता दूर’

उन्होंने कहा कि आज असम के एक लाख से ज्यादा मूल निवासी परिवारों को भूमि का स्वामित्व मिलने से उनके जीवन की बड़ी चिंता दूर हो गई है। आज असम की मिट्टी से प्यार करने वाले असम के मूल निवासियों के जुड़ाव को कानूनी संरक्षण दिया है। यह ऐतिहासिक काम शिवसागर के चेरंगा पठार पर हो रहा है। यह जयमती की बलिदान भूमि है।

PM ने कहा कि आज देश नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मना रहा है। हम इसे पराक्रम दिवस के रूप में मना रहे हैं। नेताजी का जीवन हमें आज भी प्रेरणा देता है। पराक्रम दिवस पर अनेक कार्यक्रम भी शुरू हो रहे हैं।

‘पहले की सरकारों ने इस पर ध्यान नहीं दिया’

मोदी ने कहा कि असम में जब हमारी सरकार बनी, तो यहां 6 लाख मूल निवासी परिवार ऐसे थे, जिनके पास कानूनी कागजात नहीं थे। पहले की सरकारों की प्राथमिकता में ये काम नहीं था। सर्बानंद सोनोवाल की सरकार ने इस दिशा में काम किया। आज असम की सभ्यता सुरक्षित रखने के साथ भूअधिकार कानून को संरक्षित करने का काम किया जा रहा है।

बीते सालों में सवा दो लाख से ज्यादा मूल निवासी परिवारों को जमीन के पट्टे दिए जा चुके हैं। अब इसमें एक लाख परिवार और जुड़ जाएंगे। जमीन का पट्टा मिलने से मूल निवासियों की मांग तो पूरी हुई है, साथ ही लाखों लोगों का जीवन बेहतर होने का रास्ता भी बना है। अब इन्हें भी किसान क्रेडिट कार्ड, किसान बीमा योजना और अन्य योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। ये लोग जमीन पर कारोबार के लिए लोन ले पाएंगे।

विधानसभा चुनाव से पहले PM का दौरा अहम
राज्य की भाजपा सरकार ने मई 2016 से लेकर अब तक 2.28 लाख लोगों को जमीन के पट्टे बांटे हैं। लिहाजा राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले PM का दौरा अहम माना जा रहा है।

प्रदर्शनकारियों ने मशाल जुलूस निकाला
PM के दौरे से पहले ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान उनकी पुलिस के साथ गहमागहमी भी हुई। CAA के अलावा AASU ने पर्यावरण प्रभाव आंकलन अधिनियम (EIA) को रद्द करने की मांग को लेकर मशाल जुलूस निकाला। उनकी मांग यह भी थी कि राज्य में असम एकॉर्ड की धारा छह पर समिति की रिपोर्ट को लागू किया जाए। यह धारा मूल निवासियों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करती है।

पुलिस ने इजाजत नहीं दी
प्रदर्शन को रोकने के लिए गुवाहाटी में पुलिस ने AASU कार्यालय शहीद भवन को बैरिकेड्स लगाकर ब्लॉक कर दिया। पुलिस का कहना था कि प्रदर्शनकारी मशाल लेकर आगे नहीं बढ़ सकते। इसके बाद स्टूडेंट्स ने बैरियर के अंदर ही प्रदर्शन किया।

पुलिस के साथ बहस भी हुई
AASU के सलाहकार समुज्ज्ल भट्टाचार्य और अध्यक्ष दीपांक कुमार नाथ की पुलिस के साथ तीखी बहस भी हुई। भट्टाचार्य ने कहा कि हमने मशालें हैंडओवर करने इनकार कर दिया, क्योंकि यह हमारे प्रदर्शन का हिस्सा था। हमने हमेशा प्रशासन को आश्वस्त किया है कि हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक होगा। इसके बावजूद भाजपा सरकार डरी हुई है, क्योंकि उन्हें पता है कि उन्होंने जनता को निराश किया है।

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