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मोदी आज कोलकाता में बोस की 125वीं जयंती पर डाक टिकट-सिक्का जारी करेंगे, मंच पर ममता भी होंगी

4 years ago
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Subhash Chandra Bose Jayanti Netaji PM Narendra Modi Parakram Diwas Bengal  Latest News Subhash Chandra Bose Jayanti: पीएम मोदी ने किया नमन, कोलकाता  में जारी करेंगे सिक्का और डाक टिकट - India

 

 

23 जनवरी 2021/    पश्चिम बंगाल में अप्रैल-मई में विधानचुनाव हैं, इसलिए राज्य में चुनावी सरगर्मी बढ़ रही है। भाजपा बंगाल में सत्ता में आने के लिए कमर कसे हुए है। आज सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद कोलकाता पहुंच रहे हैं। केंद्र सरकार ने सुभाष जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। मोदी कोलकाता में दो कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। नेताजी की स्मृति में सिक्का और डाक टिकट जारी करेंगे। बड़ी बात ये कि मोदी के साथ मंच पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी होंगी।

बंगाल की राजनीति में अब दिल्ली का दखल
पश्चिम बंगाल में उत्सव, जनसंस्कृति का हिस्सा है। यहां सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए कोई न कोई मौका ढूंढ़ा ही जाता है, चाहे टैगोर जयंती हो या विवेकानंद या फिर सुभाषचंद्र बोस का जन्मदिन। इन कार्यक्रम कमेटियों में स्थानीय राजनीति भी फलती-फूलती है, मगर इस बार इस राजनीति का दायरा बढ़कर दिल्ली तक पहुंच गया है।

तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच सामाजिक-सांस्कृतिक फ्रंट पर बंगाली मानुष को लुभाने की होड़ यूं तो पिछले साल दुर्गा पूजा से ही शुरू हो गई थी। 2021 के शुरू होते ही 12 जनवरी को विवेकानंद जयंती पर भी दोनों दलों के बीच जलसे-जुलूस को लेकर मुकाबला जैसा हुआ, पर तृणमूल के कार्यक्रमों के आगे भाजपा के आयोजन शायद थोड़े फीके रह गए। यही कसर निकालने के लिए नेताजी की जयंती पर खुद मोदी मैदान में उतर गए हैं।

मोदी दो कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे
कोलकाता में मोदी दो कार्यक्रमों में भाग लेंगे। नेशनल लाइब्रेरी में नेताजी सुभाषचंद्र बोस पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में संबोधन के बाद वे विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में मुख्य कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। यहां आजाद हिंद फौज के सदस्यों का सम्मान किया जाएगा। इसी कार्यक्रम में उनके साथ मंच पर ममता भी रहेंगी।

प्रधानमंत्री से पहले उनका भी संबोधन होगा। अब तक राज्य में सांस्कृतिक मोर्चे पर दोनों दलों के कार्यक्रम अलग-अलग होते रहे हैं। आमतौर पर केंद्र के कार्यक्रमों और बैठकों में ममता मौजूद नहीं रही हैं। अपनी पार्टी के मंच से भाजपा को खरी-खोटी सुना चुकीं ममता के सामने इस बार पद की गरिमा के साथ-साथ पार्टी की छवि बचाने की चुनौती है।

दोनों नेताओं का लक्ष्य एक ही- बंगालियत से खुद को करीब दिखाना
बंगाल में राज्य के इतिहास और संस्कृति से जुड़े महापुरुषों के प्रति खासा सम्मान रहा है। यहां जनता इसे बंगालियत से जोड़कर देखती है। यहां खेल और कला की शिक्षा हर घर में दी ही जाती है, यही वजह है कि जनता सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सीधे तौर पर जुड़ी होती है। विक्टोरिया मेमोरियल हॉल के मंच पर भी मोदी और ममता दोनों का मकसद इसी बंगालियत से खुद को करीब दिखाना होगा। यह भी तय है कि इसी बंगाली सेंटिमेंट को जीतने वाले का पलड़ा आने वाले विधानसभा चुनाव में भारी होगा।

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