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किसान आंदोलन का 46वां दिन : हरियाणा में मुख्यमंत्री का विरोध करने जा रहे किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे, वॉटर कैनन चलाई

4 years ago
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Farmers Protest Kisan Andolan Delhi Burari LIVE Update Haryana Punjab  Farmers Delhi Chalo March Latest News Today 10 January | हरियाणा में  मुख्यमंत्री का विरोध करने जा रहे किसानों पर आंसू गैस

 

नई दिल्ली/करनाल, 10 जनवरी 2021/  किसान आंदोलन का रविवार (10 जनवरी) को 46वां दिन है। दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसान अब भी केंद्र सरकार से दूरी बनाए हुए हैं। इस बीच, हरियाणा के करनाल में उस समय हंगामा हो गया, जब कैमला गांव में किसान मुख्यमंत्री मनोहर लाल की रैली के विरोध में जाने लगे। पुलिस ने किसानों को रोका तो दोनों के बीच झड़प शुरू हो गई। हंगामा इस कदर बढ़ा कि किसानों को रोकने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े और वॉटर कैनन भी चलानी पड़ी।

दरअसल, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर करनाल के कैमला गांव में किसान महापंचायत रैली करने वाले हैं। प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। यहां गढ़ी सुल्तान के पास पुलिस ने नाका लगा रखा था। यहां आगे बढ़ रहे किसानों को रोका गया। जब वे नहीं माने तो पुलिस ने लाठियां भी चलाईं।

दिल्ली में किसानों की बैठक
दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे किसानों का संयुक्त मोर्चा एक अहम बैठक करेगा। बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा होगी। किसान 26 जनवरी की तैयारियों का ऐलान भी कर सकते हैं। वहीं, कल यानी 11 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में कृषि कानूनों को रद्द करने की अर्जी पर सुनवाई होनी है। इससे पहले भी बुधवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि स्थिति में कोई सुधार नहीं है। हम किसानों की हालत समझते हैं।

चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर बंद
इस बीच दिल्ली का चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर बंद कर दिया गया है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने रविवार को एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि किसानों के आंदोलन के मद्देनजर दोनों बॉर्डर को बंद करने का फैसला किया गया है। आनंद विहार, DND, भोपरा और लोनी बॉर्डर से दिल्ली आने वाले लागों वैकल्पिक रूट लेने की हिदायत दी गई है।

पूरे देश में राजभवन का घेराव करेगी कांग्रेस
कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस ने 15 जनवरी को देशभर में राजभवन के बाहर धरना-प्रदर्शन करने का फैसला लिया है। कांग्रेस नेताओं ने बताया कि हर राज्य के राजभव का कांग्रेस कार्यकर्ता घेराव करेंगे।

अब आगे क्या करेंगे किसान ?

  • 13 जनवरी: लोहड़ी को देशभर में ‘किसान संकल्प दिवस’ के रूप में मनाएंगे। तीनों कानूनों की प्रतियां जलाई जाएंगी।
  • 18 जनवरी: ‘महिला किसान दिवस’ मनाएंगे। हर गांव से 10-10 महिलाओं को दिल्ली बॉर्डर पर लाएंगे।
  • 23 जनवरी: सुभाषचंद्र बोस की याद में ‘आजाद हिंद किसान दिवस’ मनाकर राज्यों में राज्यपाल के निवास का घेराव करेंगे।
  • 26 जनवरी: राजपथ पर ट्रैक्टर परेड निकालेंगे। दावा है कि इसमें एक लाख ट्रैक्टर होंगे। महिलाएं इसकी अगुवाई करेंगी।

पिछली 9 में से सिर्फ 1 बैठक का नतीजा निकला

पहला दौरः 14 अक्टूबर
क्या हुआः 
मीटिंग में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की जगह कृषि सचिव आए। किसान संगठनों ने मीटिंग का बायकॉट कर दिया। वो कृषि मंत्री से ही बात करना चाहते थे।

दूसरा दौरः 13 नवंबर
क्या हुआः 
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने किसान संगठनों के साथ मीटिंग की। 7 घंटे तक बातचीत चली, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला।

तीसरा दौरः 1 दिसंबर
क्या हुआः
 तीन घंटे बात हुई। सरकार ने एक्सपर्ट कमेटी बनाने का सुझाव दिया, लेकिन किसान संगठन तीनों कानून रद्द करने की मांग पर ही अड़े रहे।

चौथा दौरः 3 दिसंबर
क्या हुआः 
साढ़े 7 घंटे तक बातचीत चली। सरकार ने वादा किया कि MSP से कोई छेड़छाड़ नहीं होगी। किसानों का कहना था सरकार MSP पर गारंटी देने के साथ-साथ तीनों कानून भी रद्द करे।

5वां दौरः 5 दिसंबर
क्या हुआः 
सरकार MSP पर लिखित गारंटी देने को तैयार हुई, लेकिन किसानों ने साफ कहा कि कानून रद्द करने पर सरकार हां या न में जवाब दे।

6वां दौरः 8 दिसंबर
क्या हुआः
 भारत बंद के दिन ही गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक की। अगले दिन सरकार ने 22 पेज का प्रस्ताव दिया, लेकिन किसान संगठनों ने इसे ठुकरा दिया।

7वां दौर: 30 दिसंबर
क्या हुआ: 
नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल ने किसान संगठनों के 40 प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। दो मुद्दों पर मतभेद कायम, लेकिन दो पर रजामंदी बनी।

8वां दौर: 4 जनवरी
क्या हुआ:
 4 घंटे चली बैठक में किसान कानून वापसी की मांग पर अड़े रहे। मीटिंग खत्म होने के बाद कृषि मंत्री ने कहा कि ताली दोनों हाथों से बजती है।

9वां दौर: 8 जनवरी
क्या हुआ:
 कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी माना कि 50% मुद्दों पर मामला अटका हुआ है। किसानों ने बैठक में तल्ख रुख अपनाया। किसान नेताओं ने पोस्टर भी लगाए, जिन पर गुरुमुखी में लिखा था- मरेंगे या जीतेंगे।

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