हाथरस गैंगरेप मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी आज फिर हाथरस जा रहे हैं
कांग्रेस के 35 सांसद भी शामिल
03 अक्टूबर 2020/ हाथरस गैंगरेप मामले में हंगामे के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी आज फिर हाथरस जा रहे हैं। उनके काफिले में कांग्रेस के 35 सांसद भी शामिल हैं। राहुल ने ट्वीट किया, ‘दुनिया की कोई ताकत मुझे पीड़ित परिवार से मिलने से नहीं रोक सकती।’ प्रियंका ने कहा कि अगर इस बार भी नहीं जाने दिया तो हम फिर कोशिश करेंगे। उधर, दिल्ली-नोएडा फ्लाईवे (नोएडा बॉर्डर) पर भारी संख्या में पुलिस के जवान तैनात हैं, रास्ते में बैरिकेड लगा रखे हैं।
इससे पहले गुरुवार को राहुल और प्रियंका को हाथरस जाते वक्त ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर रोक दिया गया था। दोनों को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उनसे कहा कि आपने धारा 188 का वॉयलेशन किया है।
पुलिस ने राहुल की कॉलर भी पकड़ी थी। धक्कामुक्की में वे नीचे गिर गए, और हाथ में चोट लग गई। राहुल और प्रियंका को 4 घंटे हिरासत में रखने के बाद छोड़ा गया। दोनों हाथरस के बुलीगढ़ गांव जाकर गैंगरेप पीड़ित के परिवार से मिलना चाहते थे।
राहुल ने दो ट्वीट किए
पीड़ित के गांव के बाहर पुलिस का पहरा
राहुल को पुलिस आज फिर रोक सकती है, क्योंकि पूरे हाथरस जिले में धारा 144 लागू है, सीमाएं सील हैं और विपक्षी दलों के नेताओं को गैंगरेप पीड़ित के गांव में एंट्री नहीं दी जा रही। सरकार ने हाथरस की घटना से जुड़े थाने के पुलिसकर्मियों और आरोपियों के साथ ही पीड़ित परिवार के लोगों का भी नार्को टेस्ट कराने का फैसला किया है।
प्रियंका ने कहा- पीड़ित परिवार को कैद कर धमकियां दी जा रहीं
तृणमूल सांसदों को भी पुलिस ने धक्के मारकर गिरा दिया था
शुक्रवार को तृणमूल के सांसदों को भी गांव के बाहर ही रोक दिया गया। सांसद डेरेक ओ’ब्रायन को पुलिस ने धक्के देकर गिरा दिया। तृणमूल सांसद प्रतिमा मंडल और पूर्व सांसद ममता ठाकुर ने हाथरस सदर के एसडीएम प्रेम प्रकाश मीणा के खिलाफ बदसलूकी का मामला दर्ज करवाया है।
क्या है पूरा मामला ?
हाथरस जिले के चंदपा इलाके के बुलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को 4 लोगों ने 19 साल की युवती से गैंगरेप किया था। आरोपियों ने युवती की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी और उसकी जीभ भी काट दी थी। दिल्ली में इलाज के दौरान पीड़ित की मौत हो गई। चारों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। हालांकि, पुलिस का दावा है कि दुष्कर्म नहीं हुआ था।