साधु-संतों का अपमान न करें, अहंकार से बचें, वर्ना जीवन हो सकता है बर्बाद
देवराज इंद्र को घमंड की वजह से दुर्वासा ऋषि ने शाप दिया था। दुर्वासा के शाप की वजह से ही इंद्र असुरों से युद्ध हार गए और असुरों ने स्वर्ग पर अधिकार कर लिया था। घमंड एक ऐसी बुराई है, जिसकी वजह से किसी का भी जीवन बर्बाद हो सकता है। इस बुराई को जल्दी से जल्दी छोड़ देना चाहिए। जानिए दुर्वासा ऋषि और देवराज इंद्र से जुड़ी कथा…
दुर्वासा ऋषि अपने गुस्से की वजह से बहुत प्रसिद्ध थे। छोटी-छोटी बातों पर ही उन्हें गुस्सा आ जाता था और वे सामने वाले शाप दे देते थे। एक बार दुर्वासा ऋषि कहीं जा रहे थे, उनके पास एक दिव्य माला थी। उस समय देवराज इंद्र दुर्वासा के सामने से आ रहे थे। दोनों ने एक-दूसरे को देख लिया। इंद्र अपने ऐरावत हाथी पर सवार थे।
दुर्वासा ऋषि ने सोचा कि ये माला मेरे किसी काम की नहीं है, ये इंद्र को दे देता हूं। ऐसा सोचकर दुर्वासा ने वह माला इंद्र को भेंट में दे दी।
देवराज इंद्र ने दुर्वासा मुनि से माला ले ली, लेकिन फिर सोचा कि मैं तो राजा हूं। इस माला का मैं क्या करूंगा, मेरे पास तो वैसे ही दिव्य आभूषण हैं। इंद्र को अपने राजा होने के अहंकार भी था। इंद्र ने वह माला अपने हाथी ऐरावत के ऊपर डाल दी।
हाथी ने उस माला को सूंड में लिया और जमीन पर पटककर पैरों से कुचल दिया। ये देखकर दुर्वासा ऋषि को गुस्सा आ गया। दुर्वासा ने इंद्र को शाप देते हुए कहा कि इंद्र तू अहंकारी है, मैं तूझे शाप देता हूं कि तेरा स्वर्ग तेरे अधिकार से चला जाए, तेरी मान-प्रतिष्ठा खत्म हो जाए, तू श्रीहीन हो जाए।
दुर्वासा के शाप की वजह से देवराज इंद्र असुरों से युद्ध हार गया और असुरों ने स्वर्ग पर अधिकार कर लिया। असुरों से हार इंद्र ब्रह्मा जी के पास पहुंचे। ब्रह्मा जी ने इंद्र से कहा कि ये सब तुम्हारे घमंड की वजह से हुआ है। घमंड में तुमने दुर्वासा ऋषि का अपमान कर दिया और तुम्हें ये दिन देखना पड़ रहा है।
प्रसंग की सीख
इस कथा की सीख यह है कि व्यक्ति को कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए। घमंड की वजह से इंद्र का वैभव खत्म हो गया था। रावण, दुर्योधन के पूरे कुल नष्ट हो गए। इस बुराई को जल्दी से जल्दी छोड़ देना चाहिए।