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कुतुब मीनार विवाद पर बड़ा बयान, केंद्रीय संस्कृति मंत्री बोले- खुदाई पर कोई फैसला नहीं लिया; परिसर में पूजा की याचिका पर सुनवाई 24 को

3 years ago
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दिल्ली टूरिज्म वेबसाइट के मुताबिक, कुतुब मीनार को सन् 1193 में दिल्ली के पहले मुस्लिम शासक कुतब-उद-दीन ऐबक ने बनवाया था।

 

नई दिल्ली, 22 मई 2022/ केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने मीडिया रिपोर्ट का खंडन करते हुए कहा है कि अभी कुतुब मीनार खुदाई का कोई फैसला नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा क पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की ओर से कुतुब मीनार परिसर में कोई भी खुदाई नहीं की जाएगी। अभी तक इस बारे में हमने कोई भी डिसीजन नहीं लिया है।

इससे पहले खबर आई थी कि कुतुब मीनार के पास स्थित मस्जिद से 15 मीटर की दूरी पर खुदाई की जा सकती है। मंत्रालय के सचिव गोविंद मोहन ने शनिवार को इसके लिए हाईलेवल मीटिंग भी की है। कुतुब मीनार में 1991 में अंतिम बार खुदाई का काम हुआ था। कुतुबमीनार स्थित मस्जिद का मुख्यद्वार। शनिवार को ASI के अधिकारियों ने इसका दौरा किया।

ASI के पूर्व रीजनल डायरेक्टर ने किया था दावा
इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में ASI के पूर्व रीजनल डायरेक्टर धर्मवीर शर्मा ने दावा किया है कि कुतुब मीनार को कुतब-उद-दीन ऐबक ने नहीं बनवाया था। उन्होंने इसको लेकर 3 बड़े दावे किए थे।
पूर्व ASI अफसर के 3 बड़े दावे…

1. कुतुब मीनार नहीं, सन टॉवर
यह कुतुब मीनार नहीं, सन टॉवर है। मेरे पास इस संबंध में बहुत सारे सबूत हैं। शर्मा ने ASI की तरफ से कई बार कुतुब मीनार का सर्वेक्षण किया है।

2. मीनार के टॉवर में 25 इंच का झुकाव
उन्होंने कहा, ‘कुतुब मीनार के टॉवर में 25 इंच का टिल्ट (झुकाव) है, क्योंकि यहां से सूर्य का अध्ययन किया जाता था। इसीलिए 21 जून को सूर्य आकाश में जगह बदल रहा था तब भी कुतुब मीनार की उस जगह पर आधे घंटे तक छाया नहीं पड़ी। यह विज्ञान है और एक पुरातात्विक साक्ष्य भी।’

3. रात में ध्रुव तारा देखा जाता था
शर्मा ने बताया कि लोग दावा करते हैं कि कुतुब मीनार एक स्वतंत्र इमारत है और इसका संबंध करीब की मस्जिद से नहीं है। दरअसल, इसके दरवाजे नॉर्थ फेसिंग हैं, ताकि इससे रात में ध्रुव तारा देखा जा सके।

दिल्ली टूरिज्म वेबसाइट के मुताबिक, कुतुब मीनार को सन् 1193 में दिल्ली के पहले मुस्लिम शासक कुतब-उद-दीन ऐबक ने बनवाया था।

कोर्ट में दाखिल है याचिका
दिल्ली के साकेत कोर्ट में 17 मई को कुतुब मीनार परिसर में पूजा की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई टल गई थी। इस याचिका पर 24 मई को सुनवाई होनी है। यूनाइटेड हिंदू फ्रंट ने 2022 में याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया था कि कुतुब मीनार स्थित कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद को हिन्दू और जैन धर्म के 27 मंदिर को तोड़कर बनाया गया है। ऐसे में वहां फिर से मूर्तियां स्थापित की जाएं और पूजा करने की इजाजत दी जाए।

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