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PM मोदी ने एनर्जी फॉर सस्टेनेबल ग्रोथ’ वेबिनार को संबोधित किया, कहा घर पर सोलर ट्री लगाने की जरूरत

3 years ago
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एनर्जी फॉर सस्टेनेबल ग्रोथ" विषय की वेबिनार में मंत्रालयों और राज्य सरकारों के अधिकारी, साथ ही उद्योग प्रतिनिधि और अन्य विशेषज्ञ ने हिस्सा लिया। - Dainik Bhaskar

नई दिल्ली, 04 मार्च 2022/    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज “एनर्जी फॉर सस्टेनेबल ग्रोथ” विषय पर एक वेबिनार को आज संबोधित किया। उन्होंने सोलर, हाइड्रोजन, LED बल्ब के इस्तेमाल पर जोर दिया। साथ ही सस्टेनेबल एनर्जी के लिए सरकार ने जो कदम उठाए उनको भी गिनाया। मोदी ने घर के बाग-बगीचे या बालकनी में एक सोलर ट्री लगाने को कहा ताकि ये सोलर ट्री घर की 10-20% बिजली बचाने में मदद करें। वेबिनार में अलग-अलग मंत्रालयों और राज्य सरकारों के अधिकारी साथ ही उद्योग प्रतिनिधि और अन्य विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि एनर्जी और सस्टेनेबल ग्रोथ हमारी पुरातन परंपराओं से प्रेरित है और भविष्य की जरूरत और आकांक्षाओं को पूरा करने का रास्ता है। हमारा मानना है कि सस्टेनेबल ग्रोथ सस्टेनेबल एनर्जी से ही हो सकता है। हमने ग्लासगो में 2070 तक नेट जीरो के स्तर तक पहुंचने का वादा किया है। मैंने कॉप-26 में सस्टेनेबल लाइफस्टाइल को बढ़ावा देने के लिए लाइफ मिशन की बात की थी।

2030 तक फॉजिल सोर्स से 50% तक एनर्जी
2030 तक हमारा टारगेट फॉजिल सोर्स से 50% तक एनर्जी प्राप्त करना है। इस बार बजट में हमने हाई कैपासिटी वाले सौर मॉड्यूल बनाने के लिए 19,500 करोड़ रुपए की घोषणा की है। हमने नेशनल हाइड्रोजन मिशन की भी घोषणा की है। हाइड्रोजन ईकोसिस्टम फर्टिलाइजर, रिफाइनरीज और ट्रांसपोर्ट सेक्टर से जुड़ा हुआ है। इस क्षेत्र में PM ने प्राइवेट सेक्टर को काम करने का अनुरोध भी किया।

ज्यादा एनर्जी-कैपेसिटी वाले एसी, हीटर और गीजर बनाने की जरूरत
रेन्युअल एनर्जी के साथ एनर्जी स्टोरेज भी एक बड़ी चुनौती है। हमने स्टोरेज कैपेसिटी को भी प्रायोरिटी दी है। इस साल के बजट में हमने बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी और इंटर-ऑपरेबिलिटी स्टैंडर्ड्स के कई प्रोविजन किए हैं। सस्टेनबलिटी के लिए एनर्जी सेविंग और प्रोडक्शन जरूरी है। हमें भारत में ज्यादा एनर्जी-कैपेसिटी वाले एसी, हीटर, गीजर और इसी तरह के डिवाइसों को बनाने के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है।

सरकार ने गरीबों को 37 करोड़ LED बल्ब दिए
LED बल्ब की कीमत 300-400 रुपए हुआ करती थी। हमारी सरकार ने इसका प्रोडक्शन बढ़ाया, इससे कॉस्ट कम हुई। हमने उजाला के तहत लगभग 37 करोड़ LED बल्ब दिए हैं, जिससे बहुत सारी बिजली, गरीबों का पैसा और कार्बन उत्सर्जन में कमी हुई है। हमने कोयला गैसीकरण के लिए चार पायलट प्रोजेक्ट तैयार किए हैं और इथेनॉल के इस्तेमाल को भी बढ़ावा दिया है।

सौर गैस स्टार्ट-अप के लिए बड़ा बाजार
हमें अपनी चीनी मिलों और डिस्टिलरीज को मॉर्डन बनाने की जरूरत है। हमारी ऊर्जा मांग लगातार बढ़ रही है और इस तरह, भारत को रेन्यूवल एनर्जी की ओर बदलाव की जरूरत है। हमें स्वच्छ खाना पकाने को भी आगे बढ़ाने की जरूरत है। सौर गैस हमारे स्टार्ट-अप के लिए एक बड़ा बाजार हो सकता है।

घर पर सोलर ट्री डेवलप करने की जरूरत
हम घर के बाग-बगीचे या बालकनी में हर परिवार के एक सोलर ट्री की एक नई अवधारणा डेवलप कर सकते हैं, ये सोलर ट्री घर की 10-20% बिजली में मदद कर सकता है। ये घर की पहचान भी बन जाएगा कि सोलर ट्री वाला घर पर्यावरण के प्रति जागरूक नागरिकों का घर है।

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