क्यों होती है महिलाओं को पुरुषों से ज्यादा नींद की जरूरत, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट
05 फरवरी 2022/ मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक तौर से हेल्दी रहने के लिए भरपूर नींद लेना जरूरी है। दुनियाभर में जब लॉकडाउन ने दस्तक दी तो ज्यादातर लोगों के लिए घर ही ऑफिस बन गया। परिवार की तुलना में कंप्यूटर स्क्रीन के साथ हम ज्यादा वक्त बिताने लगे। इसका असर हमारी फिजिकल एक्टिवटी से लेकर नींद पर भी पड़ा। जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है।
नींद की कमी से काम करने वाली महिलाएं सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाओं को पुरुषों की तुलना में ज्यादा नींद की जरूरत होती है।
रिसर्च में किया गया दावा
साल 2014 में एक्सप्लोरिंग सेक्स एंड जेंडर डिफरेंसेज इन स्लीप हेल्थ: ए सोसाइटी फॉर वुमन हेल्थ रिसर्च की रिपोर्ट नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश हुई। इसके अनुसार, महिलाओं और पुरुषों में नींद के घंटे अलग-अलग होते हैं। यानी, दोनों को सोने के लिए जो समय चाहिए उसके घंटे अलग हैं।
रिसर्च के अनुसार, महिलाओं को अनिद्रा और रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम होने का खतरा 40% ज्यादा होता है। पुरुषों को महिलाओं की तुलना में ज्यादा गहरी नींद आती है। अमेरिका के डॉक्टर सिबाशीष डे इस रिसर्च को सही बताते हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को पुरुषों से ज्यादा नींद की जरूरत होती है।
रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम के लक्षण?
पैरों में दर्द, कंपन, झुनझुुनाहट और बेचैनी होती है।
नींद आने में समस्या होती है।
ऐसा लगता है कि पैरों में कुछ रेंग रहा है।
रिसर्च में किन बातों पर फोकस किया गया?
महिलाओं और पुरुषों का बायोलॉजिकल स्ट्रक्चर अलग होता है। इसलिए दोनों को नींद की जरूरत भी अलग होती है। डॉक्टर सिबाशीष डे के अनुसार, रिसर्च के दौरान इस बात को फोकस किया गया कि महिला और पुरुष दोनों अपना दिन कैसे बिताते हैं। पेड-अनपेड काम, सामाजिक जिम्मेदारी और परिवार की देखभाल का समय भी नोट किया गया।
डॉक्टर सिबाशीष डे कहते हैं कि महिलाओं के दिन में झपकी लेने की संभावना ज्यादा होती है, क्योंकि बाकी समय में अगर वे सोती हैं तो किसी न किसी काम से उन्हें उठना पड़ता है। नींद पूरी तभी होती है जब कोई आपको बीच में न जगाए। दिन में बच्चे और पति घर से बाहर होते हैं और उन्हें झपकी लेने का समय मिल जाता है। इस वजह से रात की नींद में कमी आती है।
अब समझिए कि क्या कारण है जो महिलाओं को पुरुषों की तुलना में ज्यादा और अच्छी नींद की जरूरत होती है।
स्लीप डिसऑर्डर- महिलाओं में नींद कम आना और रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम होने का खतरा 40% ज्यादा होता है। इसकी वजह से उन्हें अपने पैर को हिलाने की इच्छा होती है। इस वजह से बीच-बीच में उनकी नींद खुलती रहती है और वे भरपूर नींद नहीं ले पाती हैं। इस टूटी हुई नींद को पूरा करने के लिए महिलाओं को ज्यादा नींद की जरूरत पड़ती है।
हार्मोनल असंतुलन- महिलाएं में पूरी जिंदगी कई तरह के हार्मोनल परिवर्तन होते हैं। जिससे उनके सर्कैडियन रिदम ( बॉडी क्लॉक, जो सोने और उठने का दिमाग को संकेत देती है) में गड़बड़ी होती है। इस वजह से महिलाओं को ज्यादा नींद की जरूरत होती है।
मेंटल हेल्थ- पुरुषों की तुलना में महिलाओं के डिप्रेशन में जाने की संभावना भी दोगुनी होती है। भारत में महिलाओं को अपने प्रोफेशनल और निजी जिंदगी दोनों की जिम्मेदारी उठानी पड़ती है। ऐसे में उन्हें प्रतिकूल मेंटल हेल्थ का सामना करना पड़ता है। डॉक्टर डे कहते हैं कि हेल्दी मेंटल हेल्थ के लिए भरपूर नींद की जरूरत होती है।
पर्सनल लाइफस्टाइल और फिटनेस- रात की अच्छी नींद महिलाओं के मेटाबॉलिज्म में मदद करती है। ये व्यायाम, ध्यान और दिन-भर के जरूरी कामों को करने के लिए शरीर में एनर्जी देता है। लाफबॉरो यूनिवर्सिटी UK के शोधकर्ताओं के अनुसार, मल्टीटास्किंग होने के कारण महिलाओं को पुरुषों की तुलना में ज्यादा नींद की जरूरत होती है।
कितनी ज्यादा नींद की जरूरत होती है?
महिलाओं को पुरुषों की तुलना में 20-30 मिनट ज्यादा नींद चाहिए।
महिलाओं को लाइफ स्टाइल, फिटनेस और कई जिम्मेदारियाेें को एक साथ मैनेज करना होता है।