अमर जवान ज्योति वॉर मेमोरियल में प्रज्ज्वलित : 50 साल से जल रही ज्योति की जगह बदली, मशाल से वॉर मेमोरियल की ज्योति में मिलाया गया
नई दिल्ली, 21 जनवरी 2022/ दिल्ली में 50 साल से इंडिया गेट की पहचान बन चुकी अमर जवान ज्योति वॉर मेमोरियल की ज्योति में विलीन हो गई। शुक्रवार दोपहर 3.30 बजे यह समारोह शुरू किया गया। अमर जवान ज्योति को पूरे सैन्य सम्मान के साथ मशाल के जरिए वॉर मेमोरियल ले जाया गया।
इस तरह वॉर मेमोरियल में मिली अमर जवान ज्योति
1. अमर जवान ज्योति पर पुष्प चढ़ाकर उसका सम्मान किया गया।
2. मशालों के जरिए अमर जवान ज्योति को मिलाने की प्रक्रिया शुरू की गई।
3. मिलिट्री बैंड और परेड के जरिए ज्योति को वॉर मेमोरियल ले जाया गया।
4. वॉर मेमोरियल पर प्रज्ज्वलित ज्योति को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
5. मशाल के जरिए अमर जवान ज्योति को वॉर मेमोरियल में मिलाया गया।
अमर जवान ज्योति के पास बनेगी नेताजी की प्रतिमा
इस कार्यक्रम से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके बताया कि अमर जवान ज्योति के पास 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की हॉलोग्राम मूर्ति का अनावरण किया जाएगा। यह मूर्ति तब तब रहेगी जब तक असली मूर्ति तैयार नहीं हो जाती।
ज्योति हटाने पर विवाद, केंद्र ने कहा- बुझा नहीं रहे मिला रहे
अमर जवान ज्योति पर जलने वाली ज्योत 1971 और अन्य युद्धों में शहीद होने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि देती थी, लेकिन उनमें से किसी का नाम यहां नहीं लिखा था। वहीं विपक्षी पार्टियां इसे शहीदों का अपमान बता रही हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि कुछ लोग देशप्रेम और बलिदान नहीं समझ सकते। कोई बात नहीं… हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे!
अमर जवान ज्योति हटाने को लेकर समर्थन और विरोध के सुर सामने आने लगे हैं। जहां सरकार से जुड़े सूत्रों का यह दावा है कि इस ज्योत को बुझाया नहीं शिफ्ट किया जा रहा है।
भारत-पाक युद्ध के शहीदों की याद दिलाती है अमर जवान ज्योति
अमर जवान ज्योति को पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के युद्ध में शहीद होने वाले 3,843 भारतीय जवानों की याद में बनाया गया था। इसे पहली बार 1972 में प्रज्जवलित किया गया था। तत्कालीन PM इंदिरा गांधी ने 26 फरवरी 1972 को इसका उद्घाटन किया था। वहीं नेशनल वॉर मेमोरियल का निर्माण केंद्र सरकार ने 2019 में किया था। इसे 1947 में देश की आजादी के बाद से अब तक शहादत दे चुके 26,466 भारतीय जवानों के सम्मान में निर्मित किया गया था। 25 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस स्मारक का उद्घाटन किया था।