देश के ज्यादातर हिस्सों में आज ही मनाई जा रही मकर संक्रांति, साल 2077 से 15 या 16 जनवरी को ही आएगा ये त्योहार
14 जनवरी 2022/ आज सूर्य मकर राशि में आ जाएगा। सूर्य के राशि बदलने के समय को लेकर मतभेद है। इसलिए कुछ जगह 14 तो कहीं 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनेगी। मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान में 14 जनवरी को ही संक्रांति मनाई जा रही है। सूर्य के राशि बदलने के समय से ही संक्रांति मनाने निर्णय किया जाता है। इस कारण इस त्योहार की तारीखों में बदलाव होता है। यही कारण है साल 2077 से ये 14 नहीं बल्कि 15 और 16 जनवरी को मनेगा।
मकर संक्रांति 14 को ही मनाना सही
खगोल विज्ञान केंद्र से जारी हुए राष्ट्रीय पंचांग के मुताबिक सूर्य 14 जनवरी को दोपहर 02:30 पर मकर राशि में प्रवेश करेगा। इसलिए स्नान-दान का ये त्योहार आज ही मनाया जाना चाहिए। वहीं, बनारस, उज्जैन और अन्य शहरों के पंचांगों के अनुसार सूर्य 14 जनवरी की रात में तकरीबन साढ़े 8 पर राशि बदलेगा। इस कारण कुछ लोग 15 तारीख को स्नान-दान और पूजा-पाठ करेंगे। ज्योतिषियों का कहना है कि परंपरा को मानते हुए स्थानीय पंचांगों के अनुसार ये पर्व दोनों दिन मनाया जा सकता है।
हर साल 20 मिनट देरी से मकर में आता है सूर्य
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि सूर्य हर साल 20 मिनट देरी से मकर राशि में आता है। इस तरह हर तीन साल में एक घंटे बाद और 72 साल में एक दिन की देरी से मकर संकांति पर्व होता है। इसी गणित के हिसाब से तकरीबन 1700 साल पहले मकर संक्रांति 21 दिसंबर को मनाई जाती थी। अब 2077 के बाद से 15 जनवरी को ही मकर संक्रांति हुआ करेगी।
ऋतु पर्व है मकर संक्रांति
सूर्य के राशि बदलने से हर दो महीने में ऋतु बदलती है। मकर संक्रांति एक ऋतु पर्व है। ये हेमंत और शीत ऋतु का संधिकाल है। यानी हेमंत खत्म होने के बाद शीत ऋतु शुरू होती है। इसलिए ठंड का मौसम होने की वजह से मकर संक्रांति पर सूर्य पूजा और खिचड़ी और तिल-गुड़ खाने की परंपरा बनाई, क्योंकि ये अन्न शीत ऋतु में शरीर के लिए फायदेमंद होता है। साथ ही मौसम को ध्यान में रखते हुए इस पर्व पर गर्म कपड़ों का दान भी दिया जाता है।