जानें किन हालात में लगता है लॉकडाउन, कई राज्यों में सख्ती शुरू
3 years ago
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27 दिसंबर 2021/ देश में अधिकांश राज्य सरकार ने ओमिक्रोन वेरिएंट के बढ़ते संक्रमण के कारण नाइट कर्फ्यू लगा दिया है, वहीं अन्य सख्ती भी शुरू कर दी है। दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में ओमिक्रोन वेरिएंट तेजी से पैर पसार रहा है, हालांकि तेजी से मरीजों की हालत में भी सुधार हो रहा है। लेकिन यदि फैलते संक्रमण के कारण मृत्यु दर में बढ़ोतरी होती है तो लॉकडाउन भी लगाया जा सकता है।
पॉजिटिविटी दर के आधार पर लॉकडाउन का फैसला
किसी भी राज्य या देश में सरकार पूर्ण लॉकडाउन लगाने का फैसला कोरोना संक्रमण की पॉजिटिविटी दर व मृत्यु दर को देखकर करती है। दिल्ली में फिलहाल पॉजिटिविटी दर 0.55 प्रतिशत को छू गया है। यदि यह प्रतिशत 3 से 5 फीसदी तक हो जाता है तो हालात काफी चिंताजनक हो जाते हैं। दिल्ली ने रविवार को 290 नए कोरोना वायरस मामले दर्ज किए, जो 10 जून के बाद से सबसे अधिक है।
जानें क्या होता है पॉजिटिविटी रेट
कोविड-19 बीमारी के संबंध में बात करें तो पॉजिटिविटी रेट वह आंकड़ा होता है, जो दर्शाता है कि किए जा रहे कुल परीक्षणों में से कितने सकारात्मक आ रहे हैं। कम सकारात्मकता दर एक अच्छा संकेत होता है, वहीं उच्च पॉजिटिविटी रेट यह बताता है कि संक्रमण तेजी से फैल रहा है। ज्यादा हाई पॉजिटिविटी रेट होने पर ही लॉकडाउन का फैसला लिया जाता है।
ऐसे की जाती है पॉजिटिविटी रेट की गणना
पॉजिटिविटी रेट को काउंट करना बेहद कठिन काम होता है। दरअसल कई बार लोग अपना कोरोना टेस्ट भी नहीं कराते हैं। सबसे सामान्य फॉर्मूला यह है कि कोरोना पॉजिटिव पाए गए लोगों की संख्या को कोरोना टेस्ट कराने वाले लोगों की कुल संख्या से विभाजित करके इसे 100 से गुणा किया जाए। ऐसा करने से आपको जो संख्या मिलेगी, वह उस क्षेत्र का पॉजिटिविटी रेट होगा। यदि किसी क्षेत्र में पॉजिटिविटी रेट 24 प्रतिशत है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि इस क्षेत्र के 24 प्रतिशत लोग कोरोना पॉजिटिव हैं। बल्कि इसका मतलब यह हुआ कि जो टेस्ट हुए हैं, उनमें से 24 फीसदी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।