किसान आंदोलन खत्म करने का हुआ ऐलान, 11 दिसंबर से दिल्ली बॉर्डर से वापस लौटेंगे आंदोलनकारी
गाजियाबाद, 09 दिसंबर 2021/ दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर एक साल से ज्यादा समय से चल रहे किसानों का आंदोलन ‘खत्म’ हो गया है. 11 तारीख से किसान सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर समेत तमाम जगहों से घर लौटना शुरू कर देंगे. किसानों ने कहा है कि यह आंदोलन खत्म नहीं हुआ है, बल्कि स्थगित हुआ है. सरकार की तरफ मिले आश्वासन के बाद किसानों ने आंदोलन को स्थगित करने का फैसला किया है. सरकार की तरफ से किसानों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि MSP की गारंटी पर समिति बनाई, जिसमें SKM से किसान नेता शामिल रहेंगे. इसके साथ-साथ देश भर में हुए किसानों पर हुए मुकदमे वापस लिये जाएंगे. खत में आगे कहा गया है कि सरकार मृत किसानों को मुआवजा देगी. साथ ही साथ बिजली बिल को सरकार SKM से चर्चा करने के बाद संसद में लाएगी. वहीं, पराली जलाने पर भी किसानों पर कार्रवाई नहीं होगी. हालांकि किसान यहां से हटने के बाद 13 दिसंबर को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में अरदास करेंगे और अपने घरों को लौटेंगे.
किसानों का आंदोलन खत्म
सरकार की तरफ से मिले नए प्रस्ताव पर किसान संगठनों में सैद्धांतिक सहमति बन गई थी, हालांकि गुरुवार दोपहर को इस पर लंबी चर्चा के बाद फैसला लिया गया.
सिंधु बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) के बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि हमारी 15 जनवरी को एक समीक्षा बैठकहोगी, जिसमें यह तय किया जाएगा कि सरकार ने हमारी कितनी मांगों को मान लिया है.
किसानों और सरकार के बीच हफ्ते की शुरुआत से ही बात चल रही थी. मंगलवार को सरकार ने किसानों को एक चिट्ठी भेजी थी, जिसमें MSP पर कमेटी बनाने, मुआवजे पर सैद्धांतिक सहमति और आंदोलन खत्म करने पर मुकदमों की वापसी की बात कही गई थी.
सरकार की तरफ से भेजे गए पत्र में कहा गया कि MSP की गारंटी पर समिति बनाई, जिसमें SKM से किसान नेता शामिल रहेंगे. इसके साथ-साथ देश भर में हुए किसानों पर हुए मुकदमे वापस लिये जाएंगे.
सरकार की तरफ से भेजे गए खत में कहा गया है कि सरकार मृत किसानों को मुआवजा देगी. साथ ही साथ बिजली बिल को सरकार SKM से चर्चा करने के बाद संसद में लाएगी. वहीं, पराली जलाने पर भी किसानों पर कार्रवाई नहीं होगी.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि अगर 15 जनवरी तक किसानों की मांगें पूरी नहीं की गई तो हम प्रदर्शन फिर से शुरू कर सकते हैं.
गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि जीत का ऐलान हो गया है. 11 तारीख को हम सभी धरने समाप्त कर रहे हैं. सरकार ने जो वादे किए हैं उसके मुताबिक हम आज के आंदोलन को स्थगित कर रहे हैं.
गुरनाम सिंह ने कहा कि हम हर महीने उसकी समीक्षा करते रहेंगे. अगर सरकार अपने वादों से हिलती है तो दोबारा से आंदोलन करने पर विचार करेंगे.
किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि किसानों की ऐतिहासिक जीत, हम उन लोगों से माफी मांगते हैं जिन्हें प्रदर्शन के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा.
केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि किसान एक साल से आंदोलन पर हैं ये किसी को भी अच्छा नहीं लग रहा था. सबकी यही राय थी कि आंदोलन समाप्त होना चाहिए और अब आंदोलन समाप्त हो रहा है. किसान भी यही चाहते थे. किसानों के साथ बातचीत लगातार जारी रहेगी, जो मुद्दें है उसे हल करने का प्रयास होगा.