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आजादी के अमृत महोत्सव के पोस्टर में नेहरू की तस्वीर नहीं लगाए जाने को लेकर कांग्रेस-भाजपा में तकरार

3 years ago
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'आजादी का अमृत महोत्सव' समारोह के आईसीएचआर के पोस्‍टर से गायब हुए नेहरू,  कांग्रेस नेताओं ने

 

 

 

 

 

जयपुर 31 अगस्त 2021/    भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (आईसीएचआर) द्वारा जारी किए आजादी के अमृत महोत्सव के पोस्टर में पंडित जवाहर लाल नेहरू की तस्वीर नहीं लगाए जाने पर सीएम अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया। गहलोत ने कहा कि नेहरू की तस्वीर न लगाना ना सिर्फ निंदनीय है बल्कि केन्द्र सरकार की छोटी सोच का प्रदर्शन भी है।

गहलोत ने कहा- केंद्र की छोटी सोच, नेहरू के योगदान को नकारना भाजपा को पड़ेगा भारी।

उन्होंने जीवन के 3259 दिन (करीब 9 साल) जेल में गुजारे। गहलोत ने कहा कि नेहरू परिवार के सभी सदस्यों मोतीलाल नेहरू, स्वरूप रानी नेहरू, जवाहर लाल नेहरू, कमला नेहरू, विजयलक्ष्मी पंडित, कृष्णा नेहरू एवं इन्दिरा प्रियदर्शनी नेहरू का आजादी की लड़ाई में बड़ा योगदान रहा है। उनके पिता मोतीलाल नेहरू ने अपना घर आनंद भवन भी क्रांतिकारियों के लिए दे दिया था। मोतीलाल नेहरू ने स्वराज पार्टी बनाकर आजादी की लड़ाई को आगे बढ़ाया। आजाद हिन्द फौज के तीन प्रमुख कमांडरों सहगल, ढिल्लन और शाहनवाज पर अंग्रेजों ने मुकदमा चलाया तो नेहरू ने अन्य वकीलों के साथ वकालत करते हुए सैनिकों के मृत्युदंड को माफ करवाया।

सीएम बोले- अंग्रेजों से 6 बार माफी मांगी थी सावरकर ने
गहलोत ने कहा कि विनायक दामोदर सावरकर ने जेल जाने के एक साल बाद में ही अंग्रेजों से माफी मांगना शुरू कर दिया था और कुल छह बार माफी मांगी एवं जेल से रिहा होने के बाद ब्रिटिश एजेंट बनकर काम किया। वहीं पंडित नेहरू फौलाद की तरह अंग्रेजों के सामने खड़े रहे और भारत को आजादी दिलाकर अपना संकल्प पूरा किया। उन्होंने कहा कि सावरकर ने आजाद हिन्द फौज के खिलाफ ब्रिटिश सरकार की तरफ से लड़ने के लिए युवाओं को ब्रिटिश फौज में भर्ती करवाया।

आजादी में किसी के योगदान को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखें: राठाैड़
जयपुर | सीएम अशोक गहलोत ने आजादी के अमृत महोत्सव के पोस्टर में पं. जवाहर लाल नेहरू की फोटो और देश की आजादी में वीर सावरकर के योगदान को नकारने के संबंध में दिए गए बयान को अमर्यादित, निंदनीय एवं दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। इस पर विधानसभा के उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि आजादी में किसी के योगदान को राजनीतिक चश्में से नहीं देखा जाना चाहिए। आजादी में अकेले पंडित जवाहर लाल नेहरू का नहीं बल्कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, वीर सावरकर और सरदार वल्लभ भाई पटेल जैसे असंख्य राष्ट्रनायकों का योगदान रहा है।

इंदिरा गांधी ने स्वतंत्रता आंदोलन में सावरकर के योगदान को स्वीकारा था
राठौड़ ने कहा कि एक ओर कुछ दिन पहले ही कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा ने देश की आजादी में वीर सावरकर के गौरवमयी इतिहास को स्वीकार किया था और अब सीएम अशोक गहलोत उनके योगदान को नकार रहे हैं। अंतर्कलह से घिरी कांग्रेस सरकार में वीर सावरकर के विषय पर विचारों में कलह से सीएम व प्रदेशाध्यक्ष की लड़ाई सार्वजनिक हो गई है। उन्होंने कहा कि सीएम गहलोत को देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के इतिहास को पढ़ना चाहिए, जिन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में वीर सावरकर के योगदान को स्वीकारा था और उन पर डाक टिकट भी जारी किया था।

गहलोत बताएं कि कांग्रेस ने नेहरू और गांधी के अलावा किन महापुरुषों के नाम पर स्मारक बनवाए? : पूनियां
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर पलटवार करते हुए कहा कि देश की आजादी का आंदोलन कांग्रेस और नेहरू खानदान की मिल्कियत नहीं थी। चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, सुखदेव, राजगुरु, रामप्रसाद बिस्मिल इत्यादि स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान के कारण भारत को आजादी मिलीl

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत यह बताएं कि कांग्रेस ने अपने शासनकाल में नेहरू और गांधी खानदान के अलावा किन महापुरुषों के नाम पर देश में स्मारक व संस्थान बनाए? उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 50 साल से अधिक के अपने शासनकाल में शहीदों का आकलन खुद ने ही कमतर किया, सिर्फ नेहरु खानदान का गुणगान किया और उन्हीं के नाम पर स्मारक और भवन बनाए गएl उन्होंने कहा कि कांग्रेस में वंश, परिवार और चापलूसी की परंपरा रही है।

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