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सरकार का सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा: केंद्र ने कहा- कोरोना से मौत पर 4 लाख मुआवजा नहीं दे सकते

4 years ago
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Central Vista Project: Center government to file detailed affidavit in SC  by September 5 | Central Vista Project: 5 सितंबर तक SC में विस्तृत हलफनामा  दाखिल करेगा केंद्र | Hindi News, देश

 

 

 

नई दिल्ली 20 जून 2021/    कोरोना महामारी से जान गंवाने वालों के परिजन को मुआवजा देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर केंद्र सरकार ने हलफनामा दाखिल कर दिया है। इसमें केंद्र ने कहा है कि कोरोना से जिनकी मौत हुई है, उनके परिवारों को सरकार 4 लाख रुपए का मुआवजा नहीं दे सकेगी। आपदा कानून के तहत अनिवार्य मुआवजा सिर्फ प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप, बाढ़ आदि पर ही लागू होता है। सरकार का तर्क है कि अगर एक बीमारी से होने वाली मौत पर मुआवजा दिया जाए और दूसरी पर नहीं, तो यह गलत होगा।

अगर मुआवजा दिया तो राज्यों का फंड खत्म हो जाएगा
183 पेज के एफिडेविट में केंद्र ने यह भी कहा है कि इस तरह का भुगतान राज्यों के पास उपलब्ध स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड (SDRF) से होता है। अगर राज्यों को हर मौत के लिए 4 लाख रुपए मुआवजा देने का निर्देश दिया गया, तो उनका पूरा फंड ही खत्म हो जाएगा। इससे कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई के साथ ही बाढ़, चक्रवात जैसी आपदाओं से भी लड़ पाना असंभव हो जाएगा।

कोरोना से होने वाली सभी मौतों सर्टिफाइड करेंगे : कोर्ट
केंद्र ने कोर्ट को बताया कि कोरोना से होने वाली सभी मौतों को कोविड डेथ के रूप में ही रिकॉर्ड किया जाना चाहिए। फिर चाहे वह मौतें कहीं भी क्यों न हुईं हों। इससे पहले कई मीडिया रिपोर्ट्स में 6 से ज्यादा राज्यों में कोरोना से होने वाली मौतों के आंकड़ों में धांधली का मुद्दा उठाया गया था। बीते दिन देर रात कोर्ट में दाखिल किए गए एफिडेविट में सरकार ने कहा कि मामले में लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर्स पर कार्रवाई की जाएगी।

अब तक सिर्फ अस्पतालों में हुई कोरोना संक्रमितों की मौत को ही कोविड डेथ के रूप में रिकॉर्ड किया जाता था। यहां तक कि घर पर या​ अस्पताल की पार्किंग या गेट पर होने वाली मौतों को भी कोविड रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया जा रहा था। इस वजह से मौत के आंकड़ों में विसंगतियां देखने को मिल रही थीं।

सरकार का तर्क

  • महामारी की वजह से 3.85 लाख से ज्यादा लोगों को जान गंवानी पड़ी है। यह आंकड़ा आने वाले दिनों में और भी बढ़ सकता है। मुआवजा देने से कोरोना के खिलाफ लड़ाई और स्वास्थ्य पर किए जा रहे खर्च पर असर पड़ सकता है। यह अच्छा करने के बजाय नुकसान का कारण बन सकता है।
  • इस समय केंद्र और राज्यों को राजस्व कम मिल रहा है। ऐसे में कोरोना से हुई मौतों के लिए 4-4 लाख रुपए का भुगतान करना बहुत कठिन है। राज्यों को इसके लिए मजबूर किया गया, तो आपदा प्रबंधन के दूसरे जरूरी काम प्रभावित होंगे।
  • इस वित्तीय वर्ष में राज्यों को 22,184 करोड़ रुपए SDRF में दिए गए। इसका एक बड़ा हिस्सा कोरोना से लड़ने में खर्च हो रहा है। केंद्र ने 1.75 लाख करोड़ का प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज घोषित किया है। इसमें गरीबों को मुफ्त राशन के अलावा वृद्ध, दिव्यांग, असमर्थ महिलाओं को सीधे पैसे देने, 22.12 लाख फ्रंटलाइन कोरोना वर्कर्स को 50 लाख रुपए का इंश्योरेंस कवर देने जैसी कई बातें शामिल हैं।

अगली सुनवाई 21 जून को
दरअसल, कोरोना की वजह से जान गंवाने वालों के परिजनों को मुआवजा देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिका में केंद्र और राज्य सरकारों को आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत कोरोना से हुई मौतों के लिए 4 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई सोमवार को करेगा।

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