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दिग्विजय सिंह का बड़ा बयान : कांग्रेस सत्ता में लौटी तो कश्मीर में आर्टिकल 370 का फैसला पलटेगा

4 years ago
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Rahul Gandhi Should Handle The Entire Congress Said Digvijay Singh - दिग्विजय सिंह के विवादित बयान, राहुल नहीं लेते तेजी से फैसले | Patrika News

 

 

 

 

 

 

 

नई दिल्ली 12 जून 2021/     क्लब हाउस चैट का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाए जाने के फैसले पर बोल रहे हैं। उनके कथित ऑडियो में वह बोल रहे हैं कि यहां से जब धारा-370 हटाई गई, तब लोकतंत्रिक मूल्यों का पालन नहीं किया गया। इस दौरान न ही इंसानियत का तकाजा रखा गया और इसमें कश्मीरियत भी नहीं थी। सभी को कालकोठरी में बंद कर दिया गया। अगर कांग्रेस सरकार सत्ता में आई, तो हम इस फैसले पर फिर से विचार करेंगे और धारा-370 लागू करेंगे।

पाकिस्तानी जर्नलिस्ट ने पूछा था सवाल
दरअसल, दिग्विजय देश-विदेश के कुछ पत्रकारों से वर्चुअली बात कर रहे थे। इस दौरान शाहजेब जिल्लानी धारा-370 से जुड़ा एक सवाल कांग्रेस महासचिव से पूछा। दावा किया जा रहा है कि जिल्लानी एक पाकिस्तानी पत्रकार हैं। जिल्लानी ने पूछा था कि जब मौजूदा सरकार जाती है और भारत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद दूसरा प्रधानमंत्री मिल जाता है, तो कश्मीर पर आगे का रास्ता क्या होगा? मुझे पता है कि अभी भारत में जो हो रहा है, उसके कारण यह हाशिये पर है। हालांकि, यह एक ऐसा मुद्दा है जो दोनों देशों के बीच इतने लंबे समय से मौजूद है।

ट्विटर प्रोफाइल के मुताबिक, जिल्लानी पूर्व BBC संवाददाता हैं और जर्मनी में रहते हैं। वे पाकिस्तान, बेरूत, वॉशिंगटन और लंदन में काम कर चुके हैं। इससे पहले वह DW न्यूज से भी जुड़े रह चुके हैं। हालांकि, दिग्विजय सिंह को अपना परिचय देते हुए उन्होंने कहा था कि वह इस वक्त DW न्यूज के लिए काम कर रहे हैं और पाकिस्तान के सिंध में उनका जन्म हुआ था।

धार्मिक कट्टरवाद समाज के लिए खतरनाक : दिग्विजय
जिल्लानी के सवालों के जवाब में दिग्विजय ने कहा, ‘मैं मानता हूं कि जो चीज समाज के लिए खतरनाक है, वह है धार्मिक कट्टरवाद। चाहे वह हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख किसी से भी जुड़ी हो। धार्मिक कट्टरवाद नफरत की ओर ले जाता है, और नफरत से हिंसा होती है।’

उन्होंने कहा, ‘हर समाज और धार्मिक समूह को यह समझना होगा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी परंपरा और विश्वास का पालन करने का अधिकार है। किसी को भी अपनी आस्था, भावनाएं या धर्म किसी पर थोपने का अधिकार नहीं है।’

फैसले पर फिर से विचार करना होगा : दिग्विजय
कांग्रेस नेता ने कहा कि मुस्लिम बहुल राज्य में एक हिंदू राजा था। दोनों ने साथ काम किया। दरअसल, कश्मीर में सरकारी सेवाओं में कश्मीरी पंडितों को आरक्षण दिया गया था। इसलिए अनुच्छेद-370 को रद्द करना और जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा कम करना अत्यंत दुखद निर्णय है। हमें निश्चित रूप से इस मुद्दे पर फिर से विचार करना होगा।

अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाई गई थी
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल-370 को खत्म कर दिया था। सरकार ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था। जम्मू-कश्मीर में 20 और लद्दाख में दो जिले लेह और करगिल शामिल किए गए।

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