• breaking
  • News
  • केंद्र सरकार ने कोरोना से संक्रमित बच्चों के लिए इलाज के लिए नई गाइडलाइन जारी की

केंद्र सरकार ने कोरोना से संक्रमित बच्चों के लिए इलाज के लिए नई गाइडलाइन जारी की

4 years ago
127

केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन:कोरोना संक्रमित बच्चों पर सीटी स्कैन का समझदारी से इस्तेमाल करें, रेमडेसिविर के उपयोग पर लगाई रोक | Chauthi Duniya

 

 

 

 

 

 

 

 

 

नई दिल्ली 10 जून 2021/    केंद्र सरकार ने कोरोना से संक्रमित बच्चों के लिए इलाज के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। नए नियमों में संक्रमित बच्चों पर सीटी स्कैन का इस्तेमाल समझदारी से करने और रेमडेसिविर इंजेक्शन के उपयोग पर रोक लगाई गई है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत डायरेक्टरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विस (DGHS) की ओर से जारी दिशा-निर्देशों में एसिम्पटोमेटिक केस और हल्के मामलों में स्टेरॉयड के इस्तेमाल को घातक बताया है। गाइडलाइन में यह बताया गया कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों में रेमडेसिविर के इस्तेमाल को लेकर पर्याप्त सुरक्षा और प्रभावी आंकड़ों का अभाव है। इसलिए इसके उपयोग से बचना चाहिए।

गाइडलाइंस में बच्चों के लिए 6 मिनट के वॉक टेस्ट का सुझाव दिया गया है। 12 साल से बड़े बच्चों को उनके पैरेंट्स की देखरेख में 6 मिनट का वॉक टेस्ट करने की सलाह दी गई है। वॉक टेस्ट में बच्चे की उंगली में पल्स ऑक्सिमीटर लगाकर उसे लगातार 6 मिनट तक टहलने के लिए कहा जाए। इसके बाद उसके ऑक्सिजन सैचुरेशन लेवल और पल्स रेट को मापा जाए। इससे हैप्पी हाइपोक्सिया का पता चल सकेगा।

क्या है हैप्पी हाइपोक्सिया
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कोरोना माहामारी के दौरान ब्लैक फंगस के बीच हैप्पी हाइपोक्सिया जानलेवा साबित हो रहा है। यह डॉक्टरों के लिए नई चुनौती बनकर सामने आया है। इसके मरीजों में कोरोना के कोई लक्षण नहीं होते हैं। इसके मरीजों में अचानक ऑक्सीजन लेवल गिरता है और मरीज की मौत हो जाती है।

डॉक्टरों का कहना है कि हाइपोक्सिया के दौरान कोरोना मरीजों में शुरुआती लक्षण नहीं दिखते। मरीज अपने आप को ठीक महसूस करता है, लेकिन अचानक ऑक्सीजन लेवल गिरने से स्थित गंभीर हो जाती है।

कड़ी निगरानी में करें स्टेरॉयड का इस्तेमाल
DGHS ने केवल अस्पताल में भर्ती गंभीर और अत्यंत गंभीर मामलों के मरीजों के इलाज में ही कड़ी निगरानी के तहत स्टेरॉयड दवाओं के इस्तेमाल का सुझाव दिया है। DGHS के मुताबिक, ‘स्टेरॉयड का इस्तेमाल सही समय पर ही किया जाना चाहिए और इसकी सही डोज दी जानी चाहिए। मरीज को खुद से स्टेरॉयड के इस्तेमाल से बचना चाहिए।’

DGHS के कुछ अन्य प्रमुख सुझाव

  • बच्चे हमेशा मास्क पहनें, हाथ धोएं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
  • बच्चों को हमेशा पौष्टिक भोजन दें, ताकि उनकी इम्यूनिटी मजबूत हो।
  • हल्के लक्षण होने पर डॉक्टर की सलाह से पेरासिटामोल (10-15 MG) दिया जा सकता है।
  • गले में खराश और खांसी होने पर बड़े बच्चों को गर्म पानी के गरारे करवाएं।
  • हल्के लक्षण में तत्काल ऑक्सीजन थेरेपी शुरू करें।

बच्चों में गंभीर संक्रमण का खतरा नहीं
देश में कोरोना की दूसरी लहर कमजोर होने से नए केस लगातार कम हो रहे हैं। तीसरी लहर में बच्चों पर इसके बुरे असर की खबरों के बीच एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने मंगलवार को बताया था कि भारत या दुनिया के मामले देखें तो अब तक ऐसा कोई डेटा नहीं आया, जिसमें दिखाया गया है कि बच्चों में अब ज्यादा गंभीर संक्रमण है। अभी ऐसे सबूत नहीं हैं कि अगर कोविड कि अगली लहर आएगी तो बच्चों में ज्यादा गंभीर संक्रमण होगा।

Social Share

Advertisement