देश में पहली बार 44 पुलों का उद्घाटन : राजनाथ बोले- पाकिस्तान के बाद चीन भी मिशन के तहत सीमा विवाद कर रहा
दोनों देश 7 हजार किमी लंबे बॉर्डर पर लगातार तनाव बनाए हुए हैं
12, अक्टूबर 2020/ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 44 पुलों का उद्घाटन किया। ये पहली बार है जब एकसाथ इतने ब्रिज देश के नाम किए गए हों। इस मौके पर राजनाथ ने कहा कि पाकिस्तान के बाद अब चीन भी सीमा विवाद जारी रखने पर आमादा है। दोनों देश यह सब मिशन के तहत कर रहे हैं। राजनाथ ने अरुणाचल प्रदेश में एक सुरंग का शिलान्यास भी किया।
रक्षा मंत्री ने यह भी कहा, ‘सभी जानते हैं कि हमारी उत्तरी और पूर्वी सीमाओं पर क्या हो रहा है। 7 हजार किमी लंबी सीमाओं पर पाकिस्तान और चीन लगातार तनाव बनाए हुए हैं। चीन-पाक की तरफ से तनाव के बावजूद भारत हर क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव लाया है।’ ये ब्रिज बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) ने तैयार किए हैं। राजनाथ के मुताबिक, 2008-16 के बीच बीआरओ का बजट 3300 करोड़ से 4600 करोड़ रुपए के बीच रहता था। 2020-21 में यह बढ़कर 11 हजार करोड़ रुपए हो गया है।
ये पुल लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में बनाए गए हैं। इनकी मदद से सेना की हथियारबंद टुकड़ियां जल्द सीमा पर फॉरवर्ड लोकेशन तक पहुंच सकती हैं। चीन के साथ विवाद को देखते हुए भारत सीमावर्ती इलाकों में कई दूसरे अहम प्रोजेक्ट्स पर भी काम कर रहा है।
कहां-कितने पुल
सभी पुल बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) ने बनाए हैं। बीआरओ ने कहा कि इन पुलों की न केवल रणनीतिक अहमियत है, बल्कि दूरदराज के इलाकों से संपर्क स्थापित करने में भी मदद मिलेगी। 7 पुल लद्दाख में तैयार किए गए हैं। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में 10, हिमाचल में 2, उत्तराखंड और अरुणाचल में 8-8 और सिक्किम और पंजाब में 4-4 पुल बनाए गए हैं।
ऐसी होगी अरुणाचल की सुरंग
अरुणाचल प्रदेश के नेचिफू में बनाई जाने वाली सुरंग तवांग की एक मुख्य सड़क पर बनाई जाएगी। हिमाचल के दारचा को लद्दाख से जोड़ने के लिए भी सड़क बनाई जा रही है। यह सड़क कई ऊंची बर्फीली चोटियों से होकर गुजरेगी। यह करीब 290 किमी. लंबी होगी। इसके तैयार होने के बाद करगिल तक सेना की पहुंच आसान होगी।