किडनी और कोरोना का कनेक्शन : कोरोना के मरीजों में किडनी को फेल होने से बचाने के लिए ये 5 बातें ध्यान रखें
अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी में कोरोना के 352 मरीजों पर हुई रिसर्च
संक्रमण के बाद कोरोना के मरीजों में SUPAR प्रोटीन बढ़ता है जो किडनी इंजरी की वजह बनता है
रायपुर, 25 सितंबर 2020/ कोरोना के मरीजों में किडनी डैमेज होने या इसमें इंजरी के मामले सामने आ सकते हैं। अमेरिका में हुई रिसर्च यह सामने आया है कि मरीजों में कोरोना का संक्रमण फैलने पर किडनी पर बुरा असर हुआ है। अमेरिकन सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी जर्नल में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक, कोरोना के मरीजों में खास तरह का SuPAR प्रोटीन (सॉल्यूबल यूरोकाइनेज रिसेप्टर) बढ़ा हुआ पाया गया जो किडनी में इंजरी की वजह बना।
एक चौथाई कोरोना के मरीजों में किडनी के मामले सामने आए
मिशिगन यूनिवर्सिटी के रिसर्चर जोशेन रेसर के मुताबिक, एचआईवी और कोरोना जैसे RNA वायरस के संक्रमण के बाद शरीर में SuPAR प्रोटीन बढ़ता है। धीरे-धीरे यह ब्लड में घुलने लगता है। अगर इससे शरीर में सूजन बढ़ती है तो किडनी की कोशिकाएं डैमेज हो सकती है।
352 कोरोना पीड़ितों पर हुई इस रिसर्च में सामने आया कि एक चौथाई मरीजों में इस प्रोटीन का लेवल 60 फीसदी से अधिक बढ़ा हुआ था। ये मरीज एक्यूट किडनी इंजरी से जूझ रहे थे।
प्रोटीन रिस्क इंडिकेटर की तरह काम करता है
रिसर्चर्स का कहना है, जिन मरीजों में SuPAR प्रोटीन का स्तर अधिक बढ़ा उनमें डायलिसिस की जरूरत 20 गुना तक बढ़ी। यह प्रोटीन इंडिकेटर की तरह काम करता है जो बताता है कि कोरोना के मरीजों में किडनी का खतरा बढ़ता है या नहीं। यह कोविड का इलाज करने वालों की मदद करेगा, खासतौर पर उनकी जो संक्रमण के हाई रिस्क जोन में हैं।
5 पॉइंट : किडनी को फेल होने से कैसे बचाएं?
सीडीसी से मुताबिक, अपने ब्लड प्रेशर को 140/90 से कम रखें या अपने डॉक्टर से सलाह लेकर ब्लड प्रेशर टार्गेट का पता करें। कम नमक वाला खाना खाएं, फल और सब्जियों की डाइट बढ़ाएं। इसके अलावा एक्टिव रहें और अपनी तय कॉलेस्ट्रॉल रेंज को बनाए रखें। साथ ही डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाइयां लेते रहें।
अगर आपकी किडनी फेल हो जाती है तो आपको डायलिसिस ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ती है। ऐसे में अपनी किडनी को स्वस्थ रखना और फेल होने से बचाना बहुत जरूरी है। सीडीसी के अनुसार, अगर आप जोखिम में हैं तो क्रोनिक किडनी बीमारियों की जांच कराते रहें और शुरुआत में पता लगने के साथ ही इलाज भी कराएं।
अगर आपको डायबिटीज है तो हर साल ब्लड और यूरीन की जांच कराएं और ब्लड शुगर रेंज में रहें। एक जगह बैठे रहने की आदत न डालें और एक्टिव रहें, क्योंकि फिजिकल एक्टिविटी ब्लड शुगर स्तर को कंट्रोल करने में मदद करती है।
मोटापा भी मुश्किलों का कारण बन सकता है। अगर आपका वजन ज्यादा है तो इसे कम करें और स्मोकिंग की आदत को छोड़ दें। अगर आपको क्रोनिक किडनी बीमारी है तो डायटीशियन से मिलकर किडनी को स्वस्थ्य बनाए रखने के लिए फूड प्लान तैयार करें।
हेल्थ केयर टीम से लगातार संपर्क में बने रहें। खासतौर से तब जब आपकी बीमारी के लक्षण बिगड़ने लगें। अगर आपके पास खाना या दवाई नहीं है तो उन्हें इस बात की जानकारी दें। अपने पास खाने की चॉइस रखें जो आपकी किडनी डाइट को फॉलो करने में मदद कर सके। अगर आप डायलिसिस पर हैं तो क्लीनिक में संपर्क करें और अपना कोई भी ट्रीटमेंट न छोड़ें।