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आयुष मंत्रालय ने बताया क्या खाना है, यहां जानिए- कब और कितना खाना है जरूरी

3 years ago
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Clinical trial of many Ayurvedic medicines including Ayush 64 and Ashwagandha started

13 जनवरी 2022/  कोविड महामारी की तीसरी लहर के बीच ‘ओमिक्रोन’ वेरिएंट लोगों में गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। कोरोना के खिलाफ कई लोगों ने आयुर्वेद का सहारा लेकर अपनी इम्यूनिटी बेहतर की है। केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने नागरिकों की बेहतर सेहत के लिए कुछ दिशानिर्देश जारी किए हैं। मंत्रालय ने इसके जरिये लोगों को बताया है कि कैसे इस महामारी के इस दौर में स्वस्थ रहें। गाजियाबाद स्वर्ण जयंती अस्पताल के आयुर्वेदाचार्य डॉ. राहुल चतुर्वेदी से जानते हैं कि आयुष मंत्रालय की बताई चीजों को आपसे कैसे, कब और कितनी मात्रा में लेना है।

आयुर्वेद का सहारा लेकर अपनी इम्यूनिटी बेहतर करें।

च्यवनप्राश खाएं लेकिन कभी खाली पेट नहीं
सुबह उठने के बाद और रात को सोने से पहले चाय की तरह गर्म पानी पिएं। नाश्ते के बाद एक चम्मच च्यवनप्राश खाएं। अगर कोई छोटा बच्चा च्यवनप्राश पसंद नहीं करता है तो उसे श्यामला दें। च्यवनप्राश कभी भी खाली पेट न खाएं। इसको पचने में दो घंटे का समय लगता है। डायबिटीज रोगियों को शुगर फ्री च्यवनप्राश लेना चाहिए। सुबह-शाम कम से कम 30 मिनट योगासन, प्राणायाम और मेडिटेशन जरूर करें।

तुलसी, दालचीनी और अदरक से बनी हर्बल चाय या काढ़ा दिन में दो बार पिएं।

कुछ भी खाने से पहले पिएं काढ़ा, सब कुछ खाने के बाद दूध
इसके अलावा तुलसी, दालचीनी और अदरक से बनी हर्बल चाय या काढ़ा दिन में दो बार पिएं। काढ़ा को सुबह खाली पेट चाय की तरह पीना है। अगर चाहें तो रात में किशमिश मुनक्का को भिगोकर रख दें। सुबह इसके पानी को पी जाएं और किशमिश-मुनक्का चबाकर खा लें। कभी भी खाली पेट दूध न पीएं। दूध पीने का सही समय रात का है। अगर हम सुबह या दिन में दूध पिएंगे तो इससे कुछ दिक्कतें हो सकती हैं।

लहसुन का पेस्ट इस्तेमाल करने से ज्यादा अच्छा है कि लहसुन को बारिक काट कर सब्जी में इस्तेमाल करें ।

मसाले में हल्दी, जीरा और धनिया जरूर खाएं। कच्ची हल्दी, धनिया पत्ती अपने खाने में जरूर शामिल करें। कई लोग लहसुन का पेस्ट बनाकर सब्जी में इस्तेमाल करते हैं। लहसुन का पेस्ट इस्तेमाल करने से ज्यादा अच्छा होगा कि लहसुन को बारिक काट कर जिस समय धनिया पत्ती डालते हैं, उसी वक्त लहसुन भी डालकर सब्जी को पकाएं यह हमारे सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद होगा। अगर घर में मसाले का पाउडर बनाते हैं तो पाउडर बनाने से पहले मसाले को भून लें। हर मसाले में तेल होता है अगर आप भून लेंगे तो इसके पोषक तत्व हमारे लिए ज्यादा फायदेमंद होंगे।

दाल में डालकर लें नींबू, दही खाएं पर रात में नहीं
अपने खाने में नींबू जरूर शामिल करें। इसमें साइट्रिक एसिड होता है। दाल में नींबू डालकर खाएं। अगर दाल में नींबू पसंद नहीं है तो उसे किसी और तरीके से अपनी डायट में शामिल करें। दरअसल, नींबू में विटामिन सी पाया जाता है जो आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। जिससे आप मौसमी बीमारियों से बच सकते हैं। इसके अलावा दही का भी इस्तेमाल करना अच्छा है, लेकिन एक बात का ध्यान रखें कि दही कभी भी रात को न खाएं। इसके साथ ही खट्टे फल खाना हमारी सेहत के लिए फायदेमंद है। दाल पकाने से पहले कभी भी तड़का लगाकर न पकाएं। बिना तड़के वाली प्लेन दाल बनाएं। उसमें देसी घी का इस्तेमाल करें।

नींबू में विटामिन सी पाया जाता है जो आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है और जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।

तिल के तेल का छौंक लगाएं, सरसों के तेल और नमक से गरारा
तिल के तेल का खाने में छौंक लगा सकते हैं। तिल का तेल हर तरीके से हमारे सेहत के लिए फायदेमंद हैं। इसके अलावा नारियल का तेल या गाय के घी का अपने खाने में ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें। इसके अलावा कच्चा आंवला, घर का बना पनीर और दही खाएं। सरसों के तेल और नमक से गार्गल करें। इसके बाद गर्म पानी पिएं। इसे दिन में एक या दो बार किया जा सकता है।

तिल का तेल हर तरीके से हमारे सेहत के लिए फायदेमंद हैं।

पुदीना-अदरक-अजवायन की भाप, दूध में डालें हल्दी
ताजा पुदीना की पत्तियों या अजवाइन और अदरक के साथ गर्म पानी की भाप जरूर लें। ज्यादा खांसी होने पर दूध में कच्ची हल्दी को उबालकर या फिर पिसी हल्दी को भी दूध में मिलाकर दिया जा सकता है। बच्चों के खाने में ताजे फल, सब्जियां शामिल करें। बच्चों को जंक फूड और फास्ट फूड से दूर रखें। च्यवनप्राश खिलाने का समय और शाम दोनों बेहतर समय है, लेकिन हल्दी वाला दूध रात को सोने से पहले बच्चों को पिलाएं। इसके अलावा सुबह उठने के एक घंटे बाद या फिर शाम को चार से पांच बजे के बीच काढ़ा पीना फायदेमंद माना जाता है। अगर आप हल्दी या हल्दी वाला दूध नहीं पी पाते हैं तो गुरुची या गिलोय का रस निकाल सकते हैं। अगर गिलोय धनवटी या गुरुची धनवटी की टैबलेट उपलब्ध है तो ले सकते हैं। इससे इम्यून पावर भी बनी रहती है और बुखार नहीं आता।

ताजा पुदीना की पत्तियों या अजवाइन और अदरक के साथ गर्म पानी की भाप जरूर लें।

तिल के तेल से धूप में मालिश है जरूरी
तिल के तेल से मालिश करने पर ना केवल सनबर्न की समस्या दूर हो सकती है बल्कि शरीर की त्वचा का रूखापन भी दूर हो सकता है। इससे अलग तिल से त्वचा की मालिश से त्वचा में चमक आ सकती है। हो सके तो धूप में बैठकर गुनगुने तेल से मालिश करें। इसके कई लाभ होते हैं। ज्यादा ठंडी हवा में खुले बदन मालिश न करें, इससे ठंड लग सकती है। मालिश के तुरंत बाद ठंडे पानी से न नहाएं। एकदम नहाकर धूप में आकर न बैठें, सर्द-गर्म हो सकता है।

तिल से त्वचा की मालिश से त्वचा में चमक आ सकती है। हो सके तो धूप में बैठकर गुनगुने तेल से मालिश करें।

संक्रमण से बचाने में कारगर है सरसों का तेल
कोरोनावायरस नाक या मुंह के जरिए ही शरीर में प्रवेश करता है। नाक में तेल या घी डालने पर कोई भी वायरस म्यूकस मेम्ब्रेन पर आक्रमण नहीं कर पाता है। सामान्य दिनों में भी अगर दो से तीन बूंद तिल का तेल, घी या नारियल का तेल नाक में डालते हैं तो धूल के सूक्ष्म कण, प्रदूषण, कीटाणु और जीवाणु शरीर में प्रवेश करने से पहले ही खत्म हो जाते हैं।

संक्रमण से बचाने में सरसों का तेल कारगर है।

इसके अलावा आयुष मंत्रालय ने मास्क के इस्तेमाल, हाथों की सही तरह से सफाई, शारीरिक और सामाजिक दूरी का पालन करना, कोविड टीकाकरण, स्वस्थ आहार, बेहतर इम्युनिटी और अन्य हेल्थकेयर से जुड़े नियमों का पालन करने को भी कहा है।

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