- Home
- breaking
- Chhattisgarh
- किसान आंदोलन के छह माह : छत्तीसगढ़ में आज काला दिवस मनाएंगे किसान, घरों पर काला झंडा लगाकर PM का पुतला जलाने की तैयारी
किसान आंदोलन के छह माह : छत्तीसगढ़ में आज काला दिवस मनाएंगे किसान, घरों पर काला झंडा लगाकर PM का पुतला जलाने की तैयारी
रायपुर, 26 मई 2021/ दिल्ली की सीमाओं पर केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के आज छह महीने पूरे हो गए। छत्तीसगढ़ में किसान आज “काला दिवस” मनाने की तैयारी में हैं। छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ और दूसरे किसान संगठनों ने घरों पर काला झंडा फहराने और प्रधानमंत्री का पुतला जलाकर विरोध जताने की तैयारी की है।
छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य तेजराम विद्रोही ने बताया, “संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली के आह्वान पर छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के घटक संगठन 26 मई को काला दिवस मना रहे हैं। आज बुद्ध पूर्णिमा भी है। ऐसे में सुबह वह कार्यक्रम होगा। दोपहर 12 बजे से किसान अपने घरों और गाड़ियों पर काला झण्डा लगाएंगे। वहीं जगह-जगह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर का पुतला भी जलाएंगे।” इस प्रतीकात्मक आंदोलन के लिए मंगलवार को किसान संगठनों की तैयारियां चलती रहीं। लोगों ने काले झंडे बनवाए। कार्ड बोर्ड और कागज पर स्लोगन और नारे लिखे। रायपुर, धमतरी, गरियाबंद, महासमुंद, दुर्ग, बेमेतरा जैसे जिलों में बैठके भी हुई हैं। इसमें आंदोलन का व्यापक बनाने के उपायों पर बात हुई है।
केंद्र सरकार पर सार्वजनिक उद्यमों को बेचने का आरोप
किसान संगठनों ने कहा, केंद्र सरकार 5 जून 2020 को अध्यादेश के जरिए एक किसान और कृषि विरोधी कानून थोपा है। उसके खिलाफ किसानों के आंदोलन को छह महीने हो गए। अब मोदी सरकार रेलवे, बैंक, बीमा, भेल, विमान कंपनियों जैसे सार्वजनिक उद्यमों को निजी हाथों में बेच रही है। कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए ही श्रम कानूनों में संशोधन कर मजदूर विरोधी चार कानून बनाए गए।
कोरोना से मौतों के लिए भी केंद्र को जिम्मेदार बताया
किसान संगठनों ने कहा, भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार कोरोना जैसी महामारी के पहले चरण में नमस्ते ट्रंप किया और दूसरे चरण में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बहाने कोरोना का संक्रमण बढ़ाया। देश के लाखों लोग कोरोना से अपनी जान गवां चुके हैं, आज भी स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है। उसके बावजूद सरकार करोड़ो रुपए का अनावश्यक खर्च कर सेंट्रल विस्टा बनाने में लगी हुई है।
कांग्रेस सहित 12 राजनीतिक दलों का किसानों का समर्थन
कांग्रेस समेत 12 राजनैतिक दलों ने संयुक्त किसान मोर्चा के इस प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा को सौंपे समर्थन पत्र में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, जनता दल-एस प्रमुख एचडी देवगौड़ा, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन, झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रमुख हेमंत सोरेन, नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख फारूख अब्दुला, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, आरजेडी प्रमुख तेजस्वी यादव, सीपीआई प्रमुख डी. राजा, मार्क्सवादी कम्यूनिष्ट पार्टी प्रमुख सीताराम येचुरी के हस्ताक्षर हैं।