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Toolkit विवाद में भाजपा का हमला : रमन सिंह ने FIR को बताया सोनिया और राहुल गांधी का षड़यंत्र, आवाज दबाने की कोशिश का आरोप लगाया, कहा- न्यायालय जाएंगे
रायपुर, 24 मई 2021/ कांग्रेस के कथित Toolkit मामले में FIR पर भड़के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कांग्रेस पर जवाबी हमला किया है। अपने मौलश्री विहार स्थित निवास में प्रेस से बात करते हुए रमन सिंह ने कहा, “उनके खिलाफ कराई गई FIR कांग्रेस का षड़यंत्र है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी के इशारे पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री यहां पर FIR दर्ज कराते हैं। इस प्रक्रिया का पूरा संचालन सिविल लाइन थाने से नहीं बल्कि कांग्रेस कार्यालय से हो रहा है।” रमन सिंह ने कहा, इस पुलिस केस को शून्य कराने के लिए वे लोग जल्दी ही न्यायालय जाएंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा, 18 मई को कांग्रेस के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर NSUI की शिकायत डाली गई। उसमें संबित पात्रा का कहीं नाम नहीं है। 19 मई को कांग्रेस के दबाव में सिविल लाइन थाने में FIR दर्ज होती है। 4 बजकर 5 मिनट पर शिकायत मिलती है तो 4 बजकर 6 मिनट पर FIR दर्ज कर ली जाती है। इसी एक मिनट में आरोपों के संदर्भ में जांच पूरी कर ली जाती है। यही नहीं, मुझे 21 मई की रात मेरे निवास पर नोटिस दिया जाता है। यह नोटिस केस डायरी का हिस्सा होता है, पुलिस का दस्तावेज है जो उसके पास ही रहता है। इसके बावजूद नोटिस सर्व होने के पांच मिनट के अंदर मेरे कार्यालय के रिसिविंग सहित कांग्रेस के ट्वीटर हैंडल पर डाल दिया जाता है। इसका मतलब पुलिस के जांच अधिकारी ने वह नोटिस कांग्रेस को पहुंचाया। यह सार्वजनिक करना अपराध की श्रेणी में आता है। उसके बावजूद पुलिस ने उसे दूसरे को दिया। इन्होंने जिन मामले में जो आरोप लगाए हैं वे हास्यास्पद हैं।
रमन सिंह ने कहा, इस Toolkit के जरिए कांग्रेस ने भाजपा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश को बदनाम करने की साजिश की है। उसको जब उजागर किया गया तो वह बौखला गई है। हमारे खिलाफ झूठी FIR की गई। डॉ. रमन सिंह ने कहा, अब यह रमन सिंह और संबित पात्रा का मामला नहीं रहा। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के स्वाभिमान का मामला बन गया है। जब हम न्यायालय जाएंगे तो इनके सारे आरोपों की धज्जियां उड़ जाएंगी। इस मामले को शून्य कराने के लिए हम जल्दी ही न्यायालय जाएंगे।
पुलिस शक्तियों के दुरुपयोग का भी आरोप
डॉक्टर रमन सिंह ने कहा, पुलिस के लोग IPC और CRPC का उल्लंघन कर रहे हैं। जिन धाराओं में मामला दर्ज हुआ है, वह अपने आप में मजाक है। जिस तरह के प्रश्न मुझसे पूछे गए हैं, उससे साफ है कि सरकार पुलिस की शक्तियों का दुरुपयोग कर रही है। यह FIR मेरी आवाज को दबाने, प्रताड़ित करने और राजनीतिक छवि को धूमिल करने का प्रयास है। इससे भाजपा का कोई कार्यकर्ता नहीं डरता। सामूहिक रूप से हम इसका विरोध करेंगे।
इससे पहले पुलिस को दिया लिखित बयान
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रेस से बात करने से पहले पुलिस को अपना लिखित बयान भी दिया। इसमें उन्होंने अपने ट्वीटर एकाउंट का एक्सेस देने से इनकार कर दिया। उस विवादित दस्तावेज का स्रोत भी नहीं बताया। उनका कहना था वह सब कुछ पब्लिक डोमेन में मौजूद है। अपने बयान में रमन सिंह ने पुलिस पर भी राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए झूठी, राजनीतिक और व्यक्तिगत विद्वेषपूर्ण FIR दर्ज करने का आरोप लगाया।
सिविल लाइन थाने के बाहर धरना भी दे आए
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज रायपुर के सिविल लाइन थाने पहुंचकर पुलिस को गिरफ्तारी की चुनौती दी। रमन सिंह और उनके साथ गए भाजपा नेता थाने के ठीक बाहर बकायदा मंच लगाकर दो घंटे तक बैठे रहे। इसी थाने में रमन सिंह और संबित पात्रा के खिलाफ गैर जमानती धाराओं में मामला दर्ज हुआ है। उन पर कांग्रेस के नाम पर एक फर्जी दस्तावेज प्रसारित करने का आरोप है।
प्रेस से बात करने से पहले रमन सिंह और दूसरे भाजपा नेता धरने पर बैठे थे।
ऐसे खड़ा हुआ Toolkit विवाद
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहित कई भाजपा नेताओं ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट के जरिए 18 मई को एक टूलकिट साझा किया। डॉ. सिंह ने लिखा, कोरोना संकट के समय कांग्रेस की बिलो द बेल्ट राजनीति देखकर शर्म आती है। भाजपा के कई और नेताओं ने कुछ ऐसी ही भाषा के साथ इस टूलकिट को साझा किया। भड़के कांग्रेस नेताओं ने इसे फर्जी और पार्टी को बदनाम करने के लिए भाजपा की साजिश बताया। कांग्रेस ने दस्तावेज को जालसाजी बताते हुए भाजपा नेताओं के खिलाफ FIR करा दिया।