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सरकार ने शपथ पत्र के लिए मांगा और समय : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कहा- वैक्सीनेशन को लेकर केंद्र और राज्य की अपनी पॉलिसी, लेकिन उस पर हम नजर रख सकते हैं, अब 4 जून को सुनवाई

4 years ago
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हाईकोर्ट ने कहा की टीकाकरण अभियान में राज्य सरकार और केंद्र की अपनी- अपनी पॉलिसी है। उस पर हम कोई भी टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं, जिससे टीकाकरण प्रभावित हो जाए। - Dainik Bhaskar

 

 

 

 

 

बिलासपुर, 20 मई 2021/    छत्तीसगढ़ में 18+ वैक्सीनेशन को लेकर सरकार ने शपथ पत्र दायर करने के लिए हाईकोर्ट से और समय मांगा है। इसके बाद कोर्ट की ओर से 4 जून तक का समय दिया गया है। साथ ही कोर्ट ने कहा है कि वैक्सीनेशन को लेकर केंद्र और राज्य सरकार की अपनी-अपनी पॉलिसी है। उस पर हम टिप्पणी नहीं कर सकते, लेकिन वैक्सीनेशन पर नजर रख सकते हैं। सुनवाई जस्टिस प्रशांत मिश्रा और जस्टिस पी.पी साहू की डिवीजन बेंच में हुई।

शुक्रवार को हो रही सुनवाई के दौरान जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने कहा की वैक्सीनेशन एक जटिल प्रक्रिया है। इसमें कई पहलू हैं। टीकों की सप्लाई और कोल्ड स्टोरेज की समस्या भी शामिल है। इस टीकाकरण अभियान में राज्य सरकार और केंद्र की अपनी-अपनी पॉलिसी है। उस पर हम कोई भी टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं, जिससे टीकाकरण प्रभावित हो जाए। हां हम वैक्सीनेशन सही तरीके से हो रहा है या नहीं, उस पर नजर रख सकते हैं।

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पहले शपथ पत्र असिस्टेंट प्रोफेसर के नाम से दिया, उसमें स्पष्ट जानकारी नहीं थी
दरअसल, कोर्ट ने अंत्योदय में बच रही वैक्सीन को दूसरे वर्ग के लिए शिफ्ट करने को कहा था। तब राज्य सरकार ने बताया था कि वह ऐसा कर रही है, जिसके बाद कोर्ट ने शपथ पत्र प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। इस पर सरकार की ओर से 19 मई को शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया। यह असिस्टेंट प्रोफेसर के नाम से था। टीकों को लेकर भी कोई स्पष्ट जवाब नहीं था और पॉलिसी ड्राफ्ट व एफिडेविट में भी अंतर था। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई थी।

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शासन की ओर से कहा गया था- चीफ सेक्रेटरी के नाम से करा देंगे
कोर्ट की नाराजगी पर राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि अगर कहेंगे तो चीफ सेक्रेटरी के नाम से शपथ पत्र पेश करा देंगे। वहीं कोर्ट ने शपथ पत्र की कॉपी न्यायमित्र को नहीं मिलने पर दो दिन बाद जवाब मांगा था। इस मामले में ही शुक्रवार को सुनवाई हुई थी। जिसके बाद सरकार की ओर से शपथ पत्र दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय मांग लिया गया। हालांकि मामले की अगली सुनवाई अब कब होगी, इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं किया गया है।

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इसलिए उलझा टीकाकरण और कोर्ट हुआ सख्त
राज्य सरकार ने 30 अप्रैल को आदेश जारी कर एक मई से 18+ के लिए नि:शुल्क टीकाकरण अभियान की घोषणा की थी। इस आदेश में कहा गया कि यह टीका सबसे पहले अन्त्योदय राशन कार्ड धारकों को लगेगा। उनको लग जाने के बाद BPL परिवारों के 18 से 44 आयु वर्ग और सबसे अंत में APL को टीका लगाया जाएगा। विपक्ष इसको आरक्षण बताकर विरोध कर रहा है। कोरोना संक्रमण मामले में स्व प्रेरणा से कोर्ट में चल रही सुनवाई में ही ये भी जनहित याचिकाएं लगाई गई हैं।

 

 

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