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18+ वैक्सीनेशन पर आज सुनवाई : हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने 9 पेज में जवाब प्रस्तुत किया, नई पॉलिसी पर होगी चर्चा; केंद्र भी बताएगा- टीके देने का मापदंड क्या
बिलासपुर, 17 मई 2021/ छत्तीसगढ़ में 18+ वैक्सीनेशन को लेकर हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई होगी। राज्य सरकार की ओर से 9 पेज में जवाब प्रस्तुत किया गया है। वहीं केंद्र सरकार भी यह बताएगी कि राज्यों को वैक्सीन उपलब्ध कराने का मापदंड क्या है। इससे पहले कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए सभी वर्ग को 33% के हिसाब से सामान रूप से वैक्सीन लगाने का आदेश दिया था।
कोर्ट ने राज्य को दो दिन पॉलिसी बनाने का दिया था आदेश
पिछली सुनवाई में नाराजगी व्यक्त करते हुए कोर्ट ने अंत्योदय और BPL को प्राथमिकता दिए जाने के निर्णय को खारिज कर दिया था। साथ ही दो दिन में पॉलिसी बनाने को कहा था। इस पर सरकार की ओर से समय मांगा गया था और बताया गया कि एक टीम पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार कर रही है। वहीं 4 मई हुई सुनवाई के दौरान भी कोर्ट ने सरकार पर सख्त टिप्पणी की थी। इसमें कहा था कि बीमारी अमीर-गरीब देखकर नहीं आती है।
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कोर्ट में जवाब देने से पहले ही सरकार ने जारी की अधिसूचना
हालांकि कोर्ट में सुनवाई से पहले ही राज्य शासन ने 9 मई को अधिसूचना जारी कर दी। इसमें अंत्योदय, BPL, APL और फ्रंट लाइन वर्कर के लिए कोटा निर्धारित किया गया है। इसमें 20% फ्रंटलाइन वर्कर, 12% अंत्योदय, निराश्रित, अन्नपूर्णा व निशक्तजन राशन कार्ड धारकों को, 52% BPL और 16% APL श्रेणी वालों को वैक्सीन दिया जाना है। इस मामले में अब कोर्ट के सामने महाधिवक्ता राज्य शासन का पक्ष रखेंगे।
केंद्र सरकार पर भी राज्य से भेदभाव का है आरोप
दूसरी ओर कोर्ट के संज्ञान में लाया गया कि केंद्र सरकार की ओर से राज्य को पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन नहीं दी जा रही है। छत्तीसगढ़ के साथ भेदभाव हो रहा है। इस पर केंद्र सरकार से राज्य को दी जा रही वैक्सीन का डाटा पेश करने को कहा गया है। इस मामले में भी सोमवार को सुनवाई होनी है।
इसलिए उलझा टीकाकरण और कोर्ट हुआ सख्त
राज्य सरकार ने 30 अप्रैल को आदेश जारी कर एक मई से 18+ के लिए नि:शुल्क टीकाकरण अभियान की घोषणा की थी। इस आदेश में कहा गया कि यह टीका सबसे पहले अन्त्योदय राशन कार्डधारकों को लगेगा। उनको लग जाने के बाद BPL परिवारों के 18 से 44 आयु वर्ग और सबसे अंत में APL को टीका लगाया जाएगा। विपक्ष इसको आरक्षण बताकर विरोध कर रहा है। कोरोना संक्रमण मामले में स्व प्रेरणा से कोर्ट में चल रही सुनवाई में ही ये भी जनहित याचिकाएं लगाई गईं हैं।