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लॉकडाउन में ट्रांसफर हुआ कोरोना का हॉटस्पाट; रायपुर-दुर्ग की जगह बिलासपुर-सरगुजा संभागों में अब अधिक संक्रमण, गांवों में बढ़ा खतरा

4 years ago
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Coronavirus Bhilai | Coronavirus Chhattisgarh Cases Lockdown LIVE, Corona  Virus Cases in Raipur Bhilai Bilaspur Korba (COVID-19) Death Toll Latest  News and Updates | प्रदेश में कोरोना काबू में, पर दिवाली तक

 

 

 

 

 

 

 

 

 

रायपुर, 06 मई 2021/   छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन के 25 दिन पूरे हो गए। इसके बाद भी कोरोना संक्रमण की वजह से मचा हाहाकार कम होता नहीं दिख रहा है। सरकार ने जांच बढ़ाई है तो मरीजों की संख्या में भी लगातार इजाफा हुआ है। पिछले 10 दिनों से रोजाना औसतन 15 हजार नए मरीज सामने आ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि लॉकडाउन से चेन तोड़ने में थोड़ी मदद तो मिली है, लेकिन कोरोना का हॉटस्पाट रायपुर-दुर्ग जिलों से हटकर अब बिलासपुर-सरगुजा संभाग के जिलों और ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच गया है।

छत्तीसगढ़ में महामारी नियंत्रण के संचालक डॉ. सुभाष मिश्रा का कहना है कि लॉकडाउन के प्रभाव का आकलन 14 दिन बाद से ही होता है। इससे फर्क तो पड़ा है। संक्रमण की दर में गिरावट आई है। ठीक होने वालों की संख्या बढ़ी है। यह जो स्थिरता दिख रही है वह नए क्षेत्रों में संक्रमण के फैलने की वजह से हुई है। लेकिन स्थितियां नियंत्रण में दिखने लगी हैं।

रायपुर स्थित डॉ. भीमराव अम्बेडकर अस्पताल में क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ डॉ. ओपी सुंदरानी का कहना है, संक्रमण में कमी तो महसूस होने लगी है। पहले हमारे अस्पताल में ही रोगियों के लिए ऑक्सीजन और ICU में एक-एक बेड के लिए मशक्कत करनी पड़ रही थी। ICU पूरी तरह भरा रहता था। ठीक होने वालों से अधिक मरीज रोज अस्पताल पहुंच रहे थे। अब स्थितियां बदल चुकी हैं। किसी मरीज को भर्ती होने अथवा बेड के लिए कहना नहीं पड़ रहा है। एम्बुलेंस के फेरे पहले से कुछ कम हुए हैं। प्रदेश के आंकड़ों में जो स्थिरता दिख रही है वह ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण पहुंच जाने की वजह से है। पहले रायपुर और दुर्ग में रोज सबसे अधिक मरीज मिलते थे। अब बिलासपुर, सरगुजा के कुछ जिलों में रायपुर से अधिक मरीज मरीज मिल रहे हैं।

कोरोना के N-440 स्ट्रेन की तबाही

विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना से अभी प्रदेश में जो तबाही दिख रही है वह N-440 स्ट्रेन की वजह से हो सकती है। वायरस पर रिसर्च कर रहे नेशनल लैबारेट्री के वैज्ञानिकों ने मार्च 2021 में इस स्ट्रेन का पता लगाया था। उस समय बताया गया था कि यह स्ट्रेन शरीर के इम्यून सिस्टम को धोखा देने में सक्षम है। डॉक्टरों का अनुमान है कि इसी स्ट्रेन से संक्रमित लोगों को क्रिटिकल केयर और ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ी।

महामारी के इस दौर में ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत लेकर बहुत से मरीज अस्पतालों में पहुंचे।

 

महामारी के इस दौर में ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत लेकर बहुत से मरीज अस्पतालों में पहुंचे।

 

रायपुर का पीक गुजर गया, प्रदेश में अभी संदेह

डॉक्टरों का दावा है कि रायपुर जिले में कोरोना की दूसरी लहर का पीक बीत चुका है। इस दौरान 3700 से अधिक मरीज एक दिन में मिले। 10 अप्रैल को ही अकेले रायपुर में 3797 मरीज मिले थे। प्रदेश में पीक को लेकर अभी भी संदेह की स्थिति बनी हुई है। 23 अप्रैल को 17 हजार 397 नए मरीज मिले थे। यह 9 अप्रैल से 5 मई के बीच एक दिन में संक्रमण की सबसे अधिक संख्या है।

बस्तर संभाग के जिलों में ऐसे हालात

प्रदेश के अधिकांश जिले जब लॉकडाउन लगा रहे थे, उस समय बस्तर संभाग के कई जिलों में संक्रमण दर बेहद कम थी। बाद में इनमें भी वृद्धि देखी गई। 30 अप्रैल को बस्तर जिले में 202 नए संक्रमित मिले। उस दिन कोण्डागांव में 189 और कांकेर में 479 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई थी। लेकिन 5 मई को बस्तर में 189, कोण्डागांव में 262 और कांकेर में सर्वाधिक 562 नए मरीज मिले हैं। दंतेवाड़ा जिले में भी बुधवार को 138 नए मरीज मिल गए।

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