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कोरोना का खतरा खत्म करेगा टीका : टीके की दूसरी डोज से जुड़ी अफवाहों के खिलाफ सामने आए विशेषज्ञ, सरकार और यूनिसेफ के विशेषज्ञों ने कहा- संक्रमित होने की बात गलत
रायपुर, 28 अप्रैल 2021 कोरोना टीकाकरण अभियान की रफ्तार कम होने के पीछे अफवाहों का हाथ होने का तथ्य सामने आने के बाद चिकित्सा विशेषज्ञ सक्रिय हो गए हैं। राज्य सरकार और संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनिसेफ के विशेषज्ञों ने अफवाहों का खंडन किया है। विशेषज्ञों का कहना है, इस टीके से कोरोना संक्रमण होने की बात बिल्कुल गलत है।
रायपुर स्थित डाॅ. भीमराव आंबेडकर स्मृति चिकित्सालय के क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ डाॅ. ओपी सुंदरानी का कहना है, अभी संक्रमण फैला हुआ है और बहुत से ऐसे लोग भी है जो संक्रमित हो चुके हैं लेकिन बिना लक्षण के हैं। ऐसे लोग भी वैक्सीन की दूसरी डोज लगवा रहे हैं। यह केवल संयोग की बात है कि वैक्सीन लगने के बाद उनमे लक्षण आने लगे और जांच कराने पर पाॅजिटिव आ रहे हैं। लेकिन वे वैक्सीन की दूसरी डोज से पाॅजिटिव नही हुए बल्कि उसको लगवाने के 4-5 दिन पूर्व ही संक्रमित हो चुके होंगे।उनमें लक्षण नहीं नजर आए होंगे।
कोरोना के लक्षण स्पष्ट रूप से सामने आने में ही 4-5 दिन लगते हैं और इस बीच वैैक्सीन लगवा ली तो ऐसा लगता है कि दूसरी डोज के बाद संक्रमित हो गए जबकि ऐसा बिल्कुल नही है। यूनीसेफ के स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. श्रीधर ने कहा कि वैैक्सीन की दोनो डोज लगाने के बाद संक्रमित होने के मामले बहुत कम आए हैं। ICMR ने आंकड़े जारी किए कि कोवैैक्सीन की दोनो डोज लगने के बाद केवल 0.04 प्रतिशत पॉजिटिव आए और कोवीशील्ड की दोनों डोज के बाद केवल 0.03 प्रतिशत पॉजिटिव आए जो कि नगण्य है। उसके मुकाबले ऐसे लोग अत्यधिक संख्या में संक्रमित हुए हैं, जिन्होंने वैक्सीन की एक भी डोज नही ली।
100 प्रतिशत सुरक्षा नहीं, लेकिन गंभीर खतरा कम करेगी
दोनों विशेषज्ञों ने कहा, वैैक्सीन कोरोना संक्रमण से 100 प्रतिशत सुरक्षा नही देती। पहले ही बताया जा चुका है कि यह वैक्सीन 70 से 80 प्रतिशत प्रभावी है। वैक्सीन कोरोना वायरस को शरीर में प्रवेश करने से नही रोक सकता, उसके लिए हमें कोरोना की रोकथाम के लिए बनाए नियमों का पालन करना ही होगा। यह जरूर होगा कि वैक्सीन की दोनों डोज लगने के बाद संक्रमण होने पर स्थिति के गंभीर होने की संभावनाएं न्यूनतम हो जाती है।
वैक्सीन से मजबूत होती है प्रतिरक्षा प्रणाली
डॉ. ओपी सुंदरानी ने कहा, वैक्सीन की दोनो डोज से शरीर का इम्यून सिस्टम और मजबूत होता है। ऐसे में सभी लोगों को जिन्होंने कोवीशील्ड वैक्सीन की पहली डोज ली है उसके 6 से 8 सप्ताह बाद दूसरी डोज और कोवैक्सीन की पहली डोज के 28 दिन बाद दूसरी डोज अवश्य लेनी चाहिए। दूसरी डोज लगाने के 14 दिन बाद शरीर में एंटीबाडी बनती है और हमारा प्रतिरक्षात्मक तंत्र मजबूत होता है। फिर भी मास्क लगाना, भीड़ से बचना और हाथों को नियमित रूप से साबुन-पानी से धोना आवश्यक है।
अफवाहों ने कम की है वैक्सीनेशन की रफ्तार
शुरुआती अप्रैल में 3 लाख तक प्रतिदिन वैक्सीनेशन करने के बाद प्रदेश में कोरोना का टीकाकरण अभियान धीमा हुआ है। पिछले सप्ताहों में रोज औसतन 60 हजार वैक्सीन लग रही है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि लोग पहले की तरह वैक्सीन लगवाने के लिए नहीं पहुंच रहे हैं। पड़ताल में पता चला कि इसके पीछे एक अफवाह है। लोगों को लग रहा है कि वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाने के बाद कोरोना का तेज संक्रमण हो रहा है। दैनिक भास्कर ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया था।