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हमारी और सरकार दोनों की लापरवाही ले रही है जान, बीते तीन महीने में ही छत्तीसगढ़ के 2029 लोगों की जान गई

4 years ago
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new strain of Coronavirus found in Madhya Pradesh too it is more dangerous  than the previous one | मध्य प्रदेश में भी कोरोना के नए स्ट्रेन ने दी  दस्तक, जानें पहले वाले

 

 

रायपुर,  17 अप्रैल 2021/    छत्तीसगढ़ में कोरोना का नया स्ट्रेन कहर बरपा रहा है। पिछले सप्ताह से हर दिन 100 से अधिक लोग कोरोना की वजह से अपनी जान गंवा रहे हैं। इसकी भयावहता का अंदाज आप इससे लगा सकते हैं कि 16 जनवरी से 16 अप्रैल तक एक महीने में ही प्रदेश के 2029 मरीजों की मौत हो चुकी है। पिछली बार कोरोना की वजह से पहली मौत मई में दर्ज की गई। दिसम्बर 2020 तक के आठ महीनों में करीब 3 हजार लोगों की मौत हुई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि हमारी और सरकार की लापरवाही जान ले रही है।

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश की प्रत्येक 10 लाख की आबादी में 17978 लोग संक्रमित हो रहे हैं। पिछले एक सप्ताह में संक्रमण की रफ्तार तीन प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। लेकिन सबसे चिंताजनक तस्वीर मौतों को लेकर आ रही है। प्रदेश भर में अब तक 5580 लोग कोरोना की वजह से मारे गये हैं। डॉ. भीमराव आम्बेडकर मेडिकल कॉलेज के क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ डॉ. ओ.पी. सुंदरानी का कहना है, “कोरोना का नया स्ट्रेन अधिक घातक है। बड़ी संख्या में लोग बीमार पड़ रहे हैं। इसकी वजह से स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी दबाव है। अस्पतालों में जगह नहीं बची है। पहले 100 में से 10 लोग गंभीर रूप से बीमार होते थे। उनमें से मुश्किल से एक-दो लोगाें की मौत होती थी। अब गंभीर बीमारों की संख्या 20 प्रतिशत से ज्यादा हो गई है। ऐसे में दो गुनी संख्या में मौत भी हो रही है। इसके बावजूद लोग लापरवाही कर रहे हैं। लक्षणों के बावजूद समय पर जांच नहीं करा रहे हैं। होम आइसोलेशन के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। परिणाम यह हो रहा है कि गंभीर रूप से बीमार पड़ने पर उन्हें अस्पताल में बेड ढूंढने में समय लग जा रहा है। ऐसे में मौत की आशंका बढ़ रही है।” बताया जा रहा है कि मरीजों की संख्या के आगे सरकार की व्यवस्था भी नाकाफी साबित हो रही है।

 

तीन महीने में कैसे बिगड़े हालात

तीन महीने पहले 16 जनवरी को प्रदेश में मौतों का कुल आंकड़ा 3551 था। एक महीने बाद 16 फरवरी को यह आंकड़ा 3783 तक पहुंच गया। फरवरी और मार्च सुधार के महीने थे। 16 मार्च तक संख्या 3909 तक पहुंची। यानी जनवरी-फरवरी के मुकाबले कम जान गई। लेकिन 16 अप्रैल तक यही संख्या 5580 हो चुकी है। यानी इस बीच 2029 लोग केवल कोरोना की वजह से मारे गये।

 

होली के बाद तेजी से बिगड़े हालात

इस साल 28 जनवरी वह पहला दिन था जब एक साथ 35 मौतें रिपोर्ट हुईं। उसके पहले और बाद में भी संख्या इकाई में ही बनी रही। फरवरी में एक दिन में सबसे अधिक मौत 10 फरवरी को हुई। लेकिन यह भी केवल 9 थी। 20 मार्च के बाद आंकड़ा 10-11 मौत प्रतिदिन का हो गया। 29 मार्च को होली थी। 31 मार्च को 39 मौत के साथ संक्रमण दर में वृद्धि का भयावह आंकड़ा सामने आया। 10 अप्रैल को पहली बार मौतों की संख्या 100 को पार कर गई। उस दिन 123 मौतें दर्ज हुई। एक दिन में अब तक की सबसे अधिक मौत 13 अप्रैल को दर्ज हुई। उस दिन 156 मौतें दर्ज की गई थींं।

 

मार्च में पहचाना गया था कोरोना का नया स्ट्रेन

छत्तीसगढ़ में कोरोना का नया स्ट्रेन मार्च महीने में पहचान लिया गया था। वैज्ञानिकों ने इस वेरिएंट को N-440 नाम दिया है। हालांकि उस समय उसके प्रभाव के बारे में ज्यादा पता नहीं था। लेकिन विशेषज्ञों का अनुमान था कि हमारी रोग प्रतिरोधक प्रणाली को धोखा देने में सक्षम है। अब उसकी भयावहता सामने आने लगी है।

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