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रायपुर के लोगों से बोले आशुतोष राणा- पहले जरूरी निरोगी काया, उसके बाद घर में माया, लॉकडाउन में अपने आप से दोस्ती करें, परिवार को समय दें

4 years ago
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Know Some Interesting Facts About Ashutosh Rana- Inext Live

 

 

 

रायपुर, 09 अप्रैल 2021/   रायपुर में आज शाम 6 बजे से 19 अप्रैल की सुबह तक के लिए लॉकडाउन लगाया जा रहा है।  बॉलीवुड एक्टर आशुतोष राणा ने रायपुर के लोगों से अपील की है कि लॉकडाउन सही वक्त होता है खुद से दोस्ती करने का। आप संसार के लोगों को जान लेते हैं, मगर खुद को ही नहीं जान पाते। लॉकडाउन में जब आपके पास कोई काम नहीं है तो ये अवसर है कि आप खुद से दोस्ती करें। अपने आप को भी समय दें। उन्होंने लोगों से कहा कि घर पर रहें, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का भी पालन करें। दरअसल रायपुर में एक फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में आए राणा ने दैनिक भास्कर से गुरुवार रात खास बातचीत की।

कुदरत खुद का शोधन करती है
प्रकृति जब खुद के लिए शोधन का काम करती है तो वो मानवों का हस्तक्षेप नहीं चाहती। लोग घर पर रहें सुरक्षित रहें तो प्रकृति अपना शोधन कर लें। पिछली बार लॉकडाउन लगा तो आपने देखा नदियों का जल साफ हुआ, प्रदूषण कम हो गया था। ये चुनौती भरा समय है। जैसे चुनौती आती है, सामर्थ्य के अंदर बेहतरी होती है। अब तक किसी बीमारी की वैक्सीन इतनी जल्दी नहीं आई थी। मगर जब हमारे सामने कोरोना चुनौती बनकर आया तो हमारे वैज्ञानिकों ने वैक्सीन बनाई जो आज हमारे पास सुरक्षा कवच के तौर पर है।

राणा ने आगे कहा कि मैंने वैक्सीन लगवाई है, मेरा मानना है वैक्सीनेशन करवाना चाहिए, हमें अपने विज्ञान और भगवान पर भरोसा होना चाहिए। पहला सुख निरोगी काया, इसके बाद घर में माया। अगर हम और आप व्यस्थित जीवन चाहते हैं, हमारा शरीर ही है जिसकी वजह से हम सभी काम कर पाते हैं। इस ख्याल रखना होगा। मैंने भी मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना। पहले लोगों से गले मिलता था अब प्रणाम करता हूं। कोरोना हमें अच्छी जीवनशैली की तरफ लेकर जा रहा है।

वेब सीरीज पर सेंसरशिप पर बोले मार्यादाएं हो तो बुरा नहीं
वेब सीरीज के बोल्ड कंटेट और उनपर सेंसरशिप पर आशुतोष राणा ने कहा कि मेरा ये मानना है सेंसरशिप निजता का विषय होती है। अब अगर ये कह दिया जाए कि वेब सीरीज में सेंसरशिप होनी चाहिए तो इसका ये मतलब नहीं कि ये कोई हंगामा खड़ा कर देने की बात हो। हमारे कुछ एथिक्स होते हैं, हमारी कुछ परंपराएं होती हैं, जिनका हमें सम्मान करना चाहिए और जिनके होने से समाज की खूबसूरती बनी रहती है। हर मर्यादा बंधन की श्रेणी में नहीं आती, कुछ मार्यादाएं हमारे समाज की खूबसूरती के लिए जरूरी हैं।

नक्सल समस्या का समाधान संवाद
आशुतोष राणा ने छत्तीसगढ़ में मौजूद नक्सलवाद की समस्या को लेकर कहा कि परिवार में अगर चार भाई हैं और आपस में झगड़ रहे हैं तो परिवार में कोहराम मचेगा। आंतरिक तौर पर जब भी कलह होती है जीवन में क्लेश बढ़ता है। नक्सल समस्या के समाधान के तौर पर मुझे लगता है और संतों ने भी कहा है कि किसी भी समस्या का समाधान संवाद से होता है। हर समस्या के गर्भ से ही समाधान जन्म लेता है। मगर हमें जरूरत है समस्या के गर्भ तक जाकर उस समाधान को हासिल करें। एक्सेप्टेंस, एक्नॉलेज और एप्रिशिएट करना होगा। समस्या को स्वीकारें, समझें और संवाद के जरिए दिशा ढूंढनी होगी। शांति बिना चर्चा या बातचीत के कैसे होगी।

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