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दंतेवाड़ा में दंतेश्वरी मंदिर के फागुन मड़ई में आमंत्रित देवी-देवताओं की 6 दिन पहले ही विदाई, संक्रमण के चलते प्रधान पुजारी का निर्णय

4 years ago
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Covid-19 In Chhattisgarh | 6 Days Before Farewell To Invited Deities At  Fagun Fair Of Danteshwari Temple In Chhattisgarh Dantewada Due To Covid-19  | दंतेवाड़ा में दंतेश्वरी मंदिर के फागुन मड़ई में

दंतेवाड़ा, 26 मार्च 2021/    छत्तीसगढ़ में बढ़ते कोरोना संक्रमण का असर अब धार्मिक रीति-रिवाज और परम्पराओं पर भी पड़ना शुरू हो गया है। इसके चलते दंतेवाड़ा में 800 साल पुरानी परंपरा टूट गई। दंतेश्वरी मंदिर के फागुन मड़ई (मेला) में आमंत्रित किए जाने वाले देवी-देवताओं, उनके पुजारियों और सेवादारों को 6 दिन पहले ही शुक्रवार को विदा कर दिया जाएगा। पहले इनकी विदाई एक अप्रैल को की जानी थी। यह निर्णय प्रधान पुजारी की ओर से लिया गया है।

मंदिर प्रबंधन की ओर से मड़ई में आ रहे सभी ग्रामीणों की कोरोना जांच भी कराई जा रही है। सभी की RT-PCR जांच हो रही है।

 

 

मंदिर प्रबंधन की ओर से मड़ई में आ रहे सभी ग्रामीणों की कोरोना जांच भी कराई जा रही है। सभी की RT-PCR जांच हो रही है।

मां दंतेश्वरी मंदिर परिसर में मड़ई का आयोजन किया जाता है। इसमें छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों से भी देवी-देवता और उनके छत्र आते हैं। करीब 11 दिनों तक चलने वाली इस मड़ई में हर साल 800 से ज्यादा देवी-देवता पहुंचते थे। उनके साथ ही हजारों की संख्या में पुजारी और सेवादार भी पहुंचते हैं। वहीं ग्रामीणों की भीड़ भी इस मड़ई में उमड़ती थी। इस बार सिर्फ 450 ही देवी देवता पहुंचे हैं। माना जा रहा है कि कोरोना संक्रमण के चलते ऐसा हुआ है।

रस्म में सिर्फ मंदिर से जुड़े लोग ही शामिल होंगे
मड़ई में गुरुवार को छठवीं पालकी निकली। इसके बाद मंदिर प्रबंधन ने बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते ही निर्णय लिया कि बाकी रस्म सीमित लोग ही पूरी करेंगे। इसके तहत शुक्रवार को होने वाली रस्मों के लिए सिर्फ मंदिर के पुजारी, सहायक और सेवादार ही उपस्थित होंगे। शेष लोगों के आने पर रोक लगा दी गई है। इन रस्मों को देखने के लिए आम जन और ग्रामीणों को अनुमति नहीं दी गई है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि मड़ई आगे चलेगा या नहीं।

आस्था के साथ जिम्मेदारियाेें का भी निर्वहन
मंदिर प्रबंधन ने आस्था और पूजा के भी अपनी जिम्मेदारियाेें का भी बखूबी निर्वहन किया है। एक ओर जहां बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए आयोजन को खत्म करने का निर्णय लिया, वहीं अब तक मड़ई में आ रहे सभी ग्रामीणों की जांच भी कराई जा रही है। हर दिन मंदिर परिसर में आने वाले लोगों की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम मौजूद है। खास बात यह है कि एंटीजन या थर्मल स्कैनिंग नहीं, बल्कि सभी की RTPCR जांच हो रही है।

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