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चीनी पिचकारियां और दूसरे आइटम बाजार से गायब, स्वदेशी सामान भी कम, व्यापारियों का दावा- कारोबार में अब तक 10 करोड़ की कमी
रायपुर, 23 मार्च 2021/ राजधानी में होली के बाजार में इस बार दो बड़े बदलाव नजर आ रहे हैं। पहला, चीनी पिचकारियां, मुखौटे और दूसरे आइटम इस बार बाजार से गायब हो गए, क्योंकि किसी व्यापारी ने मंगवाए ही नहीं हैं। दूसरा अंतर यह है कि जिस गोलबाजार-हलवाई लाइन में होली के सामान का बाजार एक माह पहले सजने लगता था, वहां त्योहार से एक हफ्ता पहले तक अस्थायी दुकानें नहीं खुल पाई हैं।
कारोबारियों के मुताबिक केवल रायपुर में ही होली वाले दो हफ्ते में 2 करोड़ रुपए तक का रंग-गुलाल बिकता था, लेकिन इस बार दूसरे राज्यों और बाहरी जिलों से भी मांग आधी नहीं रह गई है। व्यापारी संगठन कैट ने सर्वे रिपोर्ट में दावा किया गया है कोरोना से पहले सामान्य दिनों में राज्यभर में होली से संबंधित लगभग 25 करोड़ का कारोबार होता था, लेकिन इस बार 10 करोड़ की कमी अभी से नजर आ रही है।
राजधानी में होली के बाजार से बाजार से चाइनीज पिचकारिया और फैंसी आइटम गायब हैं। इस बार पिचकारी की आवक और बिक्री 60 फीसदी तक गिर गई है। पिचकारी के साथ ही रंग-गुलाल की बिक्री भी आधी हो गई है। होली के पूरे कारोबार में हर साल औसतन 10 से 15 करोड़ के सामान चाइनीज आइटम होते थे। 2020 में यह कारोबार घटकर 10 से 15 करोड़ में आ गया है। पिछले साल कारोबारियों ने पुराना स्टॉक भी खपाया था, लेकिन इस बार किसी भी कारोबारी के पास चाइना का स्टॉक नहीं है।
यही वजह है कि चाइना से मंगाए जाने वाले 10 करोड़ से ज्यादा प्रोडक्ट की बिक्री भी इस साल रायपुर में नहीं होगी।
रंग-गुलाल की मांग आधी : छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा रंग-गुलाल का प्रोडक्शन रायपुर में ही होता है। यहां आधा दर्जन से ज्यादा बड़ी फैक्ट्रियां हैं। जिनमें से कुछ फैक्ट्रियां ऐसी हैं जिनका कलर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता समेत कई शहरों में जाता है। इस बार ऑर्डर नहीं हैं, इसलिए उत्पादन 50 फीसदी कम है। रंग निर्माता अनुज गोयल ने बताया कि महाराष्ट्र-ओडिसा के कारोबारियों ने ऑर्डर कैंसिल कर दिए हैं। बाकी जगह से भी डिमांड आधी ही है।
कई आइटम बाजार में नहीं : रायपुर में 90 प्रतिशत पिचकारियां और होली टॉयज चीन से आते थे, लेकिन इस बार यह नहीं हैं। बच्चों के कार्टून वाली सुपरमैन पिचकारियां, बाहुबली टैंक, स्टड गन, लाइट पिचकारी, वाटर गन, गुलाल बम, कलर बम और वॉटर बैलून भी गायब हैं। चाइनीज आइटम में खुशबू व झाग वाला स्प्रे रंग भी इस बार बाजार में नहीं आया है।
स्वदेशी ही मंगवा रहे
होली की पिचकारियों के थोक कारोबारी हाजी मोहम्मद सिद्दीक ने बताया कि रायपुर में पिचकारियों की बिक्री आधी है। किसी कारोबारी ने चाइना आइटम की खरीदी का आर्डर नहीं दिया। दिल्ली-मुंबई के फैक्ट्रियों में बनी पिचकारी ही आई हैं। चीनी प्रोडक्ट के नहीं आने की वजह से पिचकारियों की कीमत बढ़ गई है। चीनी पिचकारियां 50 से 300 रुपए में मिल जाती थी, लेकिन स्वदेशी पिचकारियां महंगी हैं।
इसलिए नहीं आया स्टाॅक
गोलबाजार व्यापारी संघ के अध्यक्ष सतीश जैन ने बताया कि होली के लिए नया स्टॉक जनवरी में आ जाता था। कारोबारी होली के कुछ महीने पहले ही पिचकारी, मुखौटे व अन्य आइटम की बुकिंग एडवांस देकर करवा लेते थे। इस बार अब तक किसी भी सामान का आर्डर नहीं गया है। इसलिए बाजार से चाइनीज पिचकारी, स्प्रिंकलर्स, बैलून आदि गायब हैं। रेट दोगुना है, इसलिए लोग इसे खरीदने से बच भी रहे हैं।
“कैट ने छत्तीसगढ़ समेत देश के कई बड़े राज्यों में सर्वे किया है। रिपोर्ट में यह बात साबित हो चुकी है कि चीनी प्रोडक्ट इस साल किसी ने नहीं मंगवाए हैं। कारोबार में कमी की वजह कोरोना है।”
-अमर पारवानी, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ कैट