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राजधानी में एक बार फिर कोरोना का संक्रमण
कबीरनगर, अमलीडीह, देवेंद्रनगर, मोवा, अवंति विहार, कोटा और टाटीबंध के कुछ परिसर से मिले मरीज
रायपुर, 25 फरवरी 2021/ राजधानी में एक बार फिर कोरोना का संक्रमण कुछ इलाकों में फैलता नजर आ रहा है। हेल्थ विभाग के मुताबिक पिछले 10 दिन में शहर में 652 लोग कोरोना पाजिटिव मिले, लेकिन इनमें से लगभग 170 मरीज केवल 6 बस्तियों-कालोनियों के छोटे-छोटे पैच से आए हैं।
शहर के जिन इलाकों में कोरोना के ज्यादा संक्रमित मिले हैं, उनमें कबीरनगर, अमलीडीह, देवेंद्रनगर, मोवा, अवंति विहार, कोटा और टाटीबंध के छोटे-बड़े रिहायशी परिसर या पैच शामिल हैं। कबीर नगर के एक अपार्टमेंट में 14 से 23 फरवरी के बीच 34 से अधिक केस मिल चुके हैं।
अमलीडीह में इस दौरान 21, देवेंद्र नगर में 20 और मोवा, अवंति विहार, टाटीबंध और कोटा में प्रत्येक इलाके में 17-17 केस मिले हैं। रायपुर शहर में इन दस दिनों में कुल 29 इलाकों से अधिकांश मरीज निकले हैं। शंकरनगर, दलदल सिवनी सड्डू, सुंदरनगर, पचपेड़ी नाका, कटोरा तालाब, चंगोराभाटा, खमतराई, खम्हारडीह और तेलीबांधा जैसे इलाके में भी 10-10 केस रिपोर्ट हुए हैं।
10 दिन में कहां-कितने केस
- कबीरनगर स्थित रिहायशी अपार्टमेंट – 34
- देवेंद्रनगर और अमलीडीह – 20 से अधिक
- अवंति, टाटीबंध, कोटा – 17-17 से अधिक
- शंकरनगर, सड्डू-दलदल सिवनी – 14-14 केस
- खमाहरडीह, चंगोराभाटा पचपेड़ी – 13-13 केस
- तेलीबांधा, खमतराई, विस रोड – 10 से अधिक
- जनता और प्रोफेसर कॉलोनी – 10-10 केस
- रायपुरा, भाठागांव, शैलेंद्रनगर – 9-9 केस
एक ही अपार्टमेंट में 10 केस
बुधवार और मंगलवार को विधानसभा रोड पर स्थित एक रिहायशी परिसर में 10 से ज्यादा संक्रमित मिले हैं। यहां जो मामले आए हैं, वह दो-तीन परिवारों से हैं और हर परिवार में एक से अधिक व्यक्ति संक्रमित हुए हैं। यह कोरोना का पुराना ट्रेंड है।
कुछ परिवारों में बुजुर्ग तो कुछ में युवा और बच्चों के बीच भी संक्रमण देखा गया है। शैलेन्द्र नगर में भी इसी तरह एक ही परिवार के 55 साल से अधिक उम्र के महिला-पुरुष कोरोना पाजिटिव निकले हैं।
राजधानी के 10 दिन
- संक्रमित मिले – 652
- स्वस्थ हुए – 762
- कोरोना से मौत – 11
बिरगांव में 2 दिन में 5 मरीज
फरवरी माह के तीसरे और आखिरी हफ्ते के दौरान शहर के बाहर भी संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। इसमें बीरगांव जैसे इलाके में पिछले दो दिन में पांच से अधिक केस मिले हैं। जनवरी के अंतिम हफ्ते में उरला की एक ही फैक्ट्री से 20 संक्रमित मिले थे। उसके बाद यानी फरवरी के शुरुआती हफ्ते से शहरी इलाके में केस ज्यादा हैं।
इस पर जरूर ध्यान दें
पुराने स्ट्रेन में
- सर्दी-खांसी, बुखार, गंध और स्वाद न आना, फेफड़ों में संक्रमण से सीने में दर्द, सांस में तकलीफ।
नए स्ट्रेन में
- आंखे आना, शरीर में दर्द, उल्टी-दस्त, खुजली, सिर का दर्द, हाथ-पैर की उंगलियों में धब्बे।
एक्सपर्ट – डॉ. ओपी सुंदरानी, इंचार्ज क्रिटिकल केयर, अंबेडकर
नए स्ट्रेन का मामला अब तक नहीं
राजधानी के लिए राहत की बात यह हो सकती है कि अब तक यहां नए स्ट्रेन का कोई मामला सामने नहीं आया है। ज्यादातर मरीजों को स्वाद और गंध नहीं आने की शिकायत देखी जा रही है। हालांकि स्वाद और गंध नहीं आने का लक्षण पहले वाले स्ट्रेन में भी आम था। नए स्ट्रेन जैसी कोई बात अभी प्रतिदिन अस्पताल में आ रहे मरीजों में नहीं देखी जा रही है। नए स्ट्रेन में शरीर में दर्द, कंजक्टिवाइटिस (आंखों का आना), दस्त, शरीर में खुजली होना जैसे लक्षण नजर आते हैं। ऐसे लक्षण वाले मरीज फिलहाल तो नहीं हैं।