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छेरछेरा पुन्नी पर्व : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल घरों और दुकानों में निकले दान मांगने, भेंट में मिले चावल, लड्डू और फल; अपने वजन के बराबर धान का भी किया दान
कांकेर दौरे के दौरान पुराना बस स्टैंड से लेकर मस्जिद तक गए, लोगों ने टोकरी, सूपा और बोरी भरकर दिया
महिलाओं ने तिलक लगाकार किया मुख्यमंत्री का स्वागत, CM बोले- यह महादान की परंपरा, अन्न सब के लिए
कांकेर, 28 जनवरी 2021/ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गुरुवार को दान मांगने के लिए निकले। इस दौरान वे लोगों के घरों, उनकी दुकानों पर गए और ‘छेरछेरा, छेर बरक दिन छेरछेरा, माई कोठी के धान ला हेरहेरा’ कहते हुए दान मांगा। इस दौरान लोगों ने उन्हें भेंट में चावल, लड्डू और फल दिए। साथ ही उन्होंने धान से तौलकर अपने वजन के बराबर धान दान किया। महिलाओं ने तिलक लगाकर उनका स्वागत भी किया। मौका था प्रदेश के पारंपरिक पर्व छेरछेरा पुन्नी का। दान में मिले अन्न और फल का सुपोषण योजना में उपयोग किया जाएगा।
दरअसल, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इन कांकेर दौरे पर हैं। महादान पर्व छेरछेरा पुन्नी के अवसर पर CM सुबह पुराने बस स्टैंड से लेकर मस्जिद तक गए और मुख्य मार्ग की दुकानों और घरों में जाकर छेरछेरा पुन्नी का दान मांगा। लोगों ने भी प्रदेश के मुखिया को अपने सामने पाकर उत्साह से सामग्री भेंट की। उन्हें टोकरी औ सूपा में भर-भर कर फल और अन्न दान किया। CM बघेल ने लोगों को शुभकामनाएं दी और ‘छेरछेरा, कोठी के धान ल हेरहेरा’ का उद्घोष किया।
पर्व इस भावना का कि किसान की फसल सबके लिए
CM बघेल ने कहा, छेरछेरा पुन्नी पर बच्चों, युवाओं, किसानों, मजदूरों और महिलाओं की टोली घर-घर जाकर दान मांगते हैं। धनी और गरीब एक दूसरे के घर दान मांगने जाते हैं। एकत्र धान, राशि और सामग्री गांवों में रचनात्मक कार्यों में लगाई जाती है। उन्होंने कहा, छेरछेरा की यह भावना है कि किसानों के उत्पादित फसल केवल उसके लिए नहीं बल्कि समाज के अभावग्रस्त और जरूरतमंद लोगों, कामगारों और पशु-पक्षियों के लिए भी काम आती है।