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वैक्सीन पर बढ़ा भरोसा : चाैथे दिन रायपुर और कोण्डागांव में 100 प्रतिशत स्वास्थ्यकर्मी टीका लगवाने पहुंचे, प्रदेश में 70 प्रतिशत से अधिक पहुंची टीकाकरण की दर
16 जनवरी को 97 बूथों से शुरू हुआ था टीकाकरण
21 जनवरी तक 96 बूथों पर चल रहा था अभियान
रायपुर, 22 जनवरी 2021/ टीका लगवा चुके अधिकतर स्वास्थ्यकर्मियों को कोई दिक्कत नहीं होता देखकर कोरोना की वैक्सीन पर फ्रंटलाइन वर्कर्स का भरोसा बढ़ रहा है। टीकाकरण के चौथे दिन प्रदेश के 96 बूथों पर 70.94 प्रतिशत लोगों ने जाकर टीका लगवाया। रायपुर और कोण्डागांव जिलों में तो 100 प्रतिशत टीकाकरण का रिकॉर्ड ही बन गया।
रायपुर जिले में कोरोना टीकाकरण के लिए पांच बूथ बनाए गए हैं। गुरुवार को वहां 541 स्वास्थ्यकर्मियों को टीकाकरण के लिए बुलाया गया था। शाम तक बुलाए गए सभी स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया जा चुका था। यहां किसी भी व्यक्ति में एलर्जी अथवा रिएक्शन की शिकायत नहीं मिली। नक्सल प्रभावित कोण्डागांव जिले के 3 बूथों पर बुलाए गए 286 लोगों में सभी को टीका लगाया गया। ऐसा पहली बार है कि कोरोना टीकाकरण में किसी जिले के सभी बूथों पर शतप्रतिशत लोगों को टीका लगाया जा सका हो।
प्रदेश भर में बनाए गए 96 बूथों पर 8338 लोगों को टीकाकरण के लिए बुलाया गया था। इनमें से 5915 लोग टीका लगवाने पहुंचे। प्रदेश के बालोद, दुर्ग और बलौदा बाजार जिलों में वैक्सीनेशन की दर 90 प्रतिशत से अधिक रही। वहीं बीजापुर, बिलासपुर, बेमेतरा, जशपुर, कोरिया, सूरजपुर, धमतरी और गरियाबंद में 70 प्रतिशत से अधिक लोगों को टीका लगाया गया।
एक दिन पहले प्रदेश के 94 बूथों पर 63 प्रतिशत स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया जा सका था। यहां 8558 शेडयूल्ड स्वास्थ्य कर्मियों में से 5383 ही टीका लगवाने पहुंचे थे। पहले दिन यानी 16 जनवरी को करीब 62 प्रतिशत और 18 जनवरी को टीकाकरण का 56प्रतिशत लक्ष्य ही हासिल किया जा सका था। पहले चरण में 2.67 लाख हेल्थ केयर वर्कर को टीका लगाया जाना है।
मुंगेली में नहीं सुधरे हालात
टीकाकरण की सबसे खराब दर मुंगेली जिले में रही। वहां 300 लोगों में से केवल 104 को टीका लगाया जा सका। यह कुल संख्या का महज 34 प्रतिशत है। उसके बाद बलरामपुर में 40 प्रतिशत लोगों को और महासमुंद में 45 प्रतिशत स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण किया जा सका।
टीका लगने के बाद एक को रिएक्शन
21 जनवरी को टीकाकरण के बाद केवल एक व्यक्ति में एडवर्स रिएक्शन रिपोर्ट किया गया। ऐसा गरियाबंद में हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि इसमें कोई गंभीर बात नहीं है। वैक्सीन प्रोटोकाल के मुताबिक उनका इलाज किया गया है। इससे पहले दुर्ग जिले में दो और रायपुर जिले में एक स्वास्थ्य कर्मी को टीका लगने के बाद कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा था।