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किसान आंदोलन में लंगर सेवा : NSUI ने प्रदेश के किसानों से जुटाया एक-एक पैली धान, मुख्यमंत्री ने 53 टन धान से भरे ट्रकों को हरी झंडी दिखाई

4 years ago
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हरी झंडी दिखाकर अनाज से भरे दो ट्रकों को रवाना किया। - Dainik Bhaskar
मिलिंग के लिए भेजा गया धान, 66 हजार रुपए भी इकट्‌ठा हुए
चावल बनाकर दिल्ली में आंदोलित किसानों को भेजेगा NSUI

 

 

रायपुर, 18 जनवरी 2021/   मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने रायपुर स्थित निवास से दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसानों की सहायता के लिए 53 टन धान भरे हुए दो ट्रकों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। NSUI कार्यकर्ताओं ने एक रुपया और एक पैली धान अभियान के तहत यह अनाज इकट्ठा किया था। इस अनाज का इस्तेमाल दिल्ली के किसान आंदोलन में चल रहे लंगर में किया जाएगा।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में संघर्षरत किसानों के सहयोग के लिए NSUI ने पूरे छत्तीसगढ़ में एक रुपया दान, एक पैली धान अभियान चलाया था। इस अभियान के जरिये प्रदेश भर से कुल 53 टन धान और 66 हजार 500 रुपए की राशि एकत्रित की गई है। इसे आज दिल्ली में आंदोलनकारी किसानों की सहायता के लिए रवाना किया गया है।

NSUI के प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा ने बताया, लंगर में सीधे धान का इस्तेमाल नहीं हो सकता। ऐसे में इसकी मिलिंग कराया जाएगा। उससे बने चावल के साथ दाल, मसाले, खाद्य तेल, डिस्पोजेबल गिलास, प्लेट, चम्मच, कप और पानी की बोतल भी दिल्ली भेजा जाएगा।

खाद्य सामग्री रवाना करते समय खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सलाहकार विनोद वर्मा, एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव आदित्य भगत, निखिल द्विवेदी, अमित शर्मा आदि मौजूद रहे।

 

NSUI ने पांच जनवरी से धान और धन संग्रह का यह अभियान शुरू किया था, अब दो ट्रकों में यह राशि दिल्ली भेजी जा रही है।

 

 

NSUI ने पांच जनवरी से धान और धन संग्रह का यह अभियान शुरू किया था, अब दो ट्रकों में यह राशि दिल्ली भेजी जा रही है।

पांच जनवरी से शुरू हुआ था अभियान

NSUI का चार दिन का अभियान 5 जनवरी को शुरू हुआ था। इस दौरान कार्यकर्ता और पदाधिकारी धान खरीदी केंद्रों में पहुंचे। वहां आए किसानों से एक पैली (अनाज मापने की स्थानीय इकाई) धान और एक रुपए की मदद मांगी। इस राशि को 11 जनवरी को ही रवाना किया जाना था। लेकिन बाद में कार्यक्रम बदला। संग्रह का काम 14 जनवरी तक चलता रहा। 16 जनवरी को यह राशि प्रदेश मुख्यालय पहुंची।

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