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वित्त विभाग : 20 साल में पहली बार कटौती का बजट, कोरोना का राज्य की अर्थव्यवस्था पर असर
वित्त ने विभागों से 6% कटौती के साथ ही प्रस्ताव मांगे थे
रायपुर, 16 जनवरी 2021/ छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद से अब तक प्रदेश के बजट का आकार हर साल लगभग 10 प्रतिशत तक बढ़ता है, लेकिन इस बार कोरोना ने सारी कहानी उलट दी है। पिछले साल अप्रैल से दिसंबर तक राज्य की कमाई में भारी कमी आई है।
इसका असर प्रदेश के आने वाले बजट पर भी पड़ेगा और 20 साल में ऐसा पहली बार होगा, जब राज्य में कटौती का बजट पेश किया जाएगा। वित्त विभाग ने सभी विभागों को चिट्ठी लिखकर 6 प्रतिशत कटौती के साथ प्रस्ताव मांगा था, इसलिए पूरे बजट में लगभग 6 प्रतिशत कटौती तय मानी जा रही है। इसके बाद इस बार का बजट करीब एक लाख करोड़ रुपए का होगा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार से बजट प्रस्तावों पर विभागीय मंत्रियों से चर्चा शुरू कर दी है। बता दें कि हर साल 10 फीसदी के ग्रोथ के साथ बजट पेश होता रहा है। लेकिन इस बार कोरोना के कारण प्रदेश ही नहीं, पूरा विश्व मंदी की चपेट में है। देश में भी जीडीपी ग्रोथ निचले स्तर पर आ गया।
छत्तीसगढ़ भी इससे अछूता नहीं था, लेकिन बेहतर वित्तीय प्रबंधन से राज्य में मंदी के हालात नहीं बने। लॉकडाउन के कारण राज्य में आई सामान्य आर्थिक मंदी से निपटने और इलाज के इन इंतजामों के लिए मई माह में सरकार ने सभी विभागों के सरकारी खर्च की सीमा को कम कर दिया। शेष|पेज 10
विभागों को शत प्रतिशत बजट आवंटित करने की बजाए उसमें तीस फीसदी की कटौती कर दी गई यानि विभाग पूरे साल में 100 प्रतिशत की जगह 70 प्रतिशत ही बजट खर्च कर पाए। इससे सरकार के करीब 30 हजार करोड़ रुपए बचे थे। इसे साल कैरी फार्वर्ड कर लिया जाएगा। इसके साथ ही वित्त विभाग ने यह आदेश भी जारी कर दिया कि बहुत जरूरी होने पर ही विभागों के द्वारा 2021-22 के बजट के लिए नए प्रस्ताव पेश किए जाएं।