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भाजपा का किसान आंदोलन : नेताओं ने लगाया नारा- अन्नदाताओं को न तरसाना, सभी किसानों को दो बारदाना

4 years ago
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पूरे छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने दिया धान खरीदी में अव्यवस्था के खिलाफ धरना
प्रदेश सरकार पर लगाए नाकामी के आरोप, 22 जनवरी को भी बड़े प्रदर्शन की तैयारी में भारतीय जनता पार्टी

 

रायपुर, 13 जनवरी 2021/   देश में भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ किसान दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी किसानों के लिए आंदोलन कर रही है। छत्तीसगढ़ में भाजपा के आंदोलन राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ है। भारतीय जनता पार्टी ने रायपुर में बुधवार को धरना प्रदर्शन का आयोजन किया। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने आरोप लगाया है कि मौजूदा सरकार किसानों से धान खरीदी ठीक तरीके से नहीं कर पा रही। कई तरह की अव्यवस्था है। प्रदर्शन के दौरान सभी ने मिलकर एक नारा लगाया, भारतीय जनता पार्टी के नेता कहते दिखे कि अन्नदाताओं को ना तड़पाना सभी किसानों को दो बारदाना।

दरअसल छत्तीसगढ़ में बारदाने की कमी की वजह से धान खरीदी प्रभावित है । राज्य सरकार का दावा है कि कोरोना काल में जूट की मिले बंद होने की वजह से बारदाने की व्यवस्था नहीं हो सकी है। जबकि दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी कह रही है कि राज्य सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए तरह-तरह के बहाने कर रही है। रायपुर कमल विहार गेट नंबर एक के पास यह धरना प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर पूर्व मंत्री राजेश मूणत, रायपुर ग्रामीण के पूर्व विधायक नंदे साहू, जिलाध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी समेत पार्टी के अन्य नेता मौजूद रहे।

तो घर में भर देंगे धान
भाजपा किसान मोर्चा के नेता गौरीशंकर श्रीवास ने धरना प्रदर्शन के दौरान कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार धान खरीदी में बड़ी लापरवाही कर रही है। पिछले 15 सालों में ऐसा मौका नहीं आया जब इस तरह से किसान परेशान हो रहा हो। मौजूदा सरकार यदि सही ढंग से प्रशासन नहीं संभाल सकती तो भूपेश बघेल को इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि अगर धान खरीदी की अव्यवस्था को दूर नहीं किया गया तो छत्तीसगढ़ की सरकार के जिम्मेदार लोगों के घरों में धान भर देंगे।

यह है भाजपा की मांग
गिरदावरी में काटे गए रकबे को जोड़ा जाए, तत्काल बारदाने की व्यवस्था की जाए। किसानों को 3 दिन के अंदर भुगतान किया जाए, धान खरीदी का समय 1 महीने बढ़ाया जाए, घोषणा पत्र के मुताबिक 2 साल का बोनस दिया जाए, वन अधिकार पट्टा प्राप्त वनवासियों का धान खरीदा जाए, धान खरीदी की अव्यवस्था के कारण आत्महत्या करने वाले किसानों के परिजनों को 25 लाख रुपए की सहायता दी जाए।

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