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वैक्सीनेशन का ड्राई रन : स्वास्थ्य विभाग की तैयारी देखने वैक्सीनेशन बूथ पर पहुंचे मंत्री सिंहदेव, स्वास्थ्य कर्मियों से पूछा अनुभव

4 years ago
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Minister Singhdev arrived at the vaccination booth to see the health  department's preparation, asked the health workers experience | स्वास्थ्य  विभाग की तैयारी देखने वैक्सीनेशन बूथ पर पहुंचे मंत्री ...
पुरानी बस्ती के सरस्वती कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल में बना बूथ
स्वास्थ्य मंत्री के आने तक 18 लोगों का हो चुका था डमी वैक्सीनेशन

 

रायपुर, 02 जनवरी 2021/  छत्तीसगढ़ में आज कोरोना वैक्सीनेशन का ड्राई रन हुआ। यह प्रक्रिया सुबह 10 बजे से दोपहर बाद 2 बजे तक हुआ। रायपुर के पुरानी बस्ती स्थित सरस्वती कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल परिसर में बूथ बनाया गया था। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने इस बूथ का निरीक्षण किया ।

निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों और स्वास्थ्य कर्मियों से प्रक्रिया में पेश आई समस्याओं की जानकारी ली। सभी ने बिना किसी परेशानी के प्रक्रिया पूरी होने की जानकारी दी। स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया, उन्हें इंजेक्शन लगाने और आपातकालीन स्थितियों से निपटने का प्रशिक्षण मिला हुआ है।

स्वास्थ्य अधिकारियों ने सिंहदेव को बताया, सबसे पहले जिन्हें वैक्सीन लगना है, उनका पहचान पत्र देखकर रजिस्ट्रेशन किया गया। इसके पश्चात वैक्सीनेशन कक्ष में ले जाकर वैक्सीन लगाने के बाद पृथक कक्ष में आधे घंटे तक निगरानी में रखने के बाद उन्हें केन्द्र से जाने दिया जा रहा है।

स्वास्थ्य मंत्री ने ड्राई रन में शामिल मितानिनों और एएनएम से बात की। उन्होंने अधिकारियों को पूरी प्रक्रिया सटीक तरीके से सम्पन्न करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मीरा बघेल एवं स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

ड्राई रन में 28 स्वास्थ्य कर्मियों का पंजीयन किया गया था, लेकिन मंत्री के पहुंचने तक 18 लोग ही केंद्र में पहुंचे थे। प्रदेश के सात जिलों में आज कोरोना वैक्सीनेशन का ड्राई रन आयोजित किया गया।

यह मॉकड्रिल रायपुर, सरगुजा, दुर्ग, बिलासपुर, राजनांदगांव, बस्तर और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में किये गया। सभी जिलों में 3-3 बूथ बनाए गए हैं। मतलब प्रदेश में 21 बूथों पर ड्राई रन हुआ।

इंजेक्शन नहीं लगा केवल बांह से लगाकर हटा लिया

बूथ पर पहुंचे लोगों को किसी तरह का इंजेक्शन नहीं दिया गया। वैक्सीनेशन कक्ष में उन्हें बिठाया गया। बांह पर स्पिरिट लगाई गई। इंजेक्शन को एक डमी वॉयल से लोड किया गया। फिर वैक्सीनेटर ने वैक्सीन लेने आए व्यक्ति के बांह से इंजेक्शन लगाकर हटा लिया। उसके बाद उन्हें कॉटन के फाहे से इंजेक्शन वाली जगह को दबाकर रखने को कहा गया। वहां से वैक्सीन लगे व्यक्ति को हटाकर दूसरे कमरे में आधे घंटे के लिए बिठा दिया गया।

वास्तविक टीकाकरण में होगा मददगार

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला भी वैक्सीनेशन बूथ पर पहुंची थी।उन्होंने बताया, इस मॉकड्रिल का उद्देश्य कोल्ड चेन मैनेजमेंट, वैक्सीन की सप्लाई, स्टोरेज और लॉजिस्टिक्स के साथ ही वैक्सीनेशन के लिए पहुंचे लोगों के वैक्सीनेशन साइट पर पहुंचने, उनकी एंट्री, रजिस्ट्रेशन, वैक्सीनेशन व ऑब्जर्वेशन में रखने की तैयारियों को परखना था। इसका अनुभव वास्तविक टीकाकरण में काम आएगा। प्रथम चरण में हेल्थकेयर में लगे दो लाख 34 हजार लोगों को वैक्सीन लगाया जाएगा।

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