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दंभ भरने वाली दंभी सरकार जब धान खरीदी में फेल हो गई तब केंद्र सरकार याद आने लगी

4 years ago
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  • आर्थिक कंगाली के चलते समय पर बारदाना नही ख़रीद पाई भूपेश सरकार । 
  •  भूपेश सरकार की नियत धान ख़रीदी के लिए पहले दिन से ही खराब थी । 
  • एक महीना बाद धान खरीदी क्यों चालू की गई
  • धान खरीदी में में फेल भूपेश सरकार

 

 

 रायपुर, 01 जनवरी 2021/ भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल में छत्तीसगढ़ के सोसायटी में बारदाना का आभाव व धान खरीदी बंद होने को लेकर राज्य सरकार पर तीखे तेवर अपनाते हुए कहा कि यह सरकार अपने दम्भ के चलते धान खरीदी में पूरी तरह फैल हो गई है । किसान धान नही बेच पा रहे हैं। पूरे प्रदेश में कांग्रेस के खिलाफ जन आक्रोश फैल रहा है ।

श्री अग्रवाल ने कहा कि कल तक जो भूपेश सरकार दंभ भर्ती थी कि किसानों का धान हम खरीद रहे हैं । केंद्र कोई सहयोग नहीं करता , केंद्र से कोई सहयोग नहीं लेते । अब जब धान खरीदी में चारों खाने चित हो गए हैं तब इन्हें केंद्र सरकार की याद आ रही है । श्री अग्रवाल ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी पहले दिन से ही कहते आ रही है की दीपावली से पहले हर हाल में धान की खरीदी चालू की जाए किंतु सरकार की धान खरीदी का मन नहीं था कम धान खरीदना पड़े इस चक्कर में उन्होंने धान खरीदी एक महीने बाद चालू की। श्री अग्रवाल ने कहा कि भूपेश सरकार आर्थिक रूप से दिवालिया हो गई है इसी के चलते इनके पास ना तो बारदाना खरीदने पैसा था और नहीं धान की खरीदी करने के लिए। आर्थिक रूप से, बदहाल होने के चलते इन्होंने समय पर बारदाना के लिए ना तो कोई आदेश जारी किया और ना टेंडर किया और आज इसी का परिणाम है कि छत्तीसगढ़ के धान खरीदी केंद्रों में बारदाने की समस्या उत्पन्न हो गई।

दुर्भाग्य की स्थिति यह है कि किसान बाजार से पुराने बारदाने ₹50 और ₹100 में खरीद रहे और इन बारदानों का सोसाइटी में किसानों को ₹15 पेमेंट किया जा रहा है अर्थात किसान को ₹170 शुद्ध नुकसान हो रहा है श्री अग्रवाल ने सीधे-सीधे सरकार के नियत पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस सरकार की मंशा एकमात्र किसानों को तंग कर कम से कम धान खरीदने की रही है भरे बरसात गिरदावरी जमीनों के रनवे कम करने, नकली खाद बीज देने के कारण प्रदेश के दर्जनों किसानों ने आत्महत्या कर ली पर भूपेश सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंग रही किसानों के आड़ में यह सरकार सिर्फ ढोंग करने में लगी है। आज 1 साल बाद भी किसानों के धान का पैसा किसानों को नहीं मिला है चार चार किस्तो में पैसे मिलने के चक्कर मे किसान परेशान व बदहाल हो गए है। लोग पिछले साल का टोकन लेकर आज भी घूम रहे हैं । अब नया टोकन कटने व धान बेचने का दिन आ गया है

श्री अग्रवाल ने कहा कि भाजपा सरकार भी 15 साल ईमानदारी से धान खरीदी जबकि दो बार में केंद्र में मनमोहन सिंह की कांग्रेस की सरकार थी । हमने कभी धान खरीदी के लिये उन्हें जिम्मेदार नही ठहराया । कभी बारदाने की कमी नही हुई , दूसरे दिन किसानों के खातों पर पैसा पहुंच ज्यादा था मिलिंग से लेकर परिवहन तक समय पर हो जाता था ।

श्री अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार की लापरवाही के चलते आज भी सैकड़ों सोसायटी व परिवहन केंद्रों में करोड़ों रुपए का थान बिना मिलिंग के सड़ गया है ये सीधा सीधा प्रदेश की जनता का आर्थिक नुकसान है ।

श्री अग्रवाल ने कहा कि दंभी सरकार का दंभ जब चकनाचूर हो गया । तब इन्हें किसान संगठनों की याद आ रही है । केंद्र सरकार की याद आ रही है । धान खरीदी ना हो पाने , सोसाइटी में धान जाम होने ,मिलिंग न हो पाने , किसानों के रकबा में कटौती , किसानों को टोकन ना मिल पाने , एक साल तक किसानों को अपनी फसल का कीमत , भुगतान ना मिल पाने के लिए अगर कोई जवाबदार है तो सिर्फ प्रदेश सरकार व कांग्रेस पार्टी है जो अब अपना पाप दुसरों के सर मढ़ने बहाना ढूढ रही है ।

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