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विपक्ष की आपत्ति : छत्तीसगढ़ सरकार के एक दिसम्बर से धान खरीदी के फैसले पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा- किसानों के साथ षड़यंत्र हो रहा है

4 years ago
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भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि हम प्रारंभ से ही 1 नवम्बर से धान खरीदी की मांग कर रहे थे
कांग्रेस ने कहा भाजपा नेताओं को किसानों की नही बल्कि पूंजीपतियों के गोडाउन और तिजोरी कैसे भरे इसकी चिंता है

 

रायपुर, 3 नवम्बर 2020/   भारतीय जनता पार्टी ने सरकार के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं। दरअसल मंत्री मंडल उप समिति द्वारा एक दिसम्बर से धान खरीदी करने का निर्णय लिया गया है। इसपर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि किसानों को छलने वाली, ठगने वाली और झूठ बोलने वाली प्रदेश सरकार कम धान खरीदी की नियत से षड़यंत्र कर रही है। दरअसल कांग्रेस सरकार की नीयत में ही खोट है। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में धान कटाई प्रारंभ हो चुकी है। प्रदेश सरकार द्वारा 1 दिसम्बर से धान खरीदी के निर्णय के बाद किसानों के माथे पर चिंता साफ देखी जा सकती है कि वे अपने धान को सुरक्षित एक महीने तक कैसे रख पाएंगे।

विष्णुदेव साय ने आगे कहा कि हम शुरू से ही 1 नवम्बर से धान खरीदी करने व प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदी की मांग करते रहे हैं। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि पिछली बार धान खरीदी, टोकन लेने, किसानों की कोठी की जांच, बारदाने की कमी जैसी समस्याएं किसानों को हुईं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस बार इस तरह की परेशानी ना हो। बारदाने की कमी को लेकर सरकार बहानेबाजी करे। उन्होंने सवाल उठाया है कि कांग्रेस शासित पंजाब में बारदाने की कोई शिकायत नहीं है। वहां रिकार्ड खरीदी हो रही है। छत्तीसगढ़ में भी धान खरीदी के लिए केंद्र सरकार की ओर से सभी सहूलियत और सहयोग दिया जा रहा है।

कांग्रेस का पलटवार
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा के लोगों को असल में किसानों की चिंता नहीं है बल्कि उन्हें पूंजीपति के गोडाउन और तिजोरी कैसे भरें इस बात की चिंता ज्यादा सता रही है।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के धान खरीदी में अवरोध पैदा करने में भाजपा असफल हो गई है।भाजपा अब मोदी सरकार के तीन काला कानून के तहत जो पूंजीपतियों को किसानों के शोषण करने किसानों को गुलाम बनाने का अधिकार दी है वह कैसे सफल हो इस बात को लेकर चिंतित हैं। भाजपा के नेता अब किसानों के नाम से घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। इस वर्ष 19 लाख से अधिक किसानों से प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान 2500 रु प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा इस वर्ष 85 लाख मैट्रिक टन से अधिक धान खरीदी करने का लक्ष्य रखा गया है।

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