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छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के नए विधेयक से किसान संतुष्ट नहीं

4 years ago
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महासंघ ने कहा- न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी मिले

राज्य की भूपेश सरकार ने विधानसभा के विशेष सत्र में किसान विधेयक पारित किया है

 

रायपुर, 28 अक्टूबर 2020/  राज्य सरकार के कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक के पारित हो जाने मात्र से किसान संतुष्ट नहीं हैं। किसान संगठनों ने इस विधेयक से निराशा जाहिर की है। छत्तीसगढ़ किसान – मजदूर महासंघ के तेजराम विद्रोही, डॉ. संकेत ठाकुर, रूपन चंद्राकर ने कहा- विधानसभा के विशेष सत्र में बहुप्रतीक्षित किसान विधेयक लाया गया लेकिन प्रदेश के लाखों किसानों की उम्मीद इस विधेयक से पूरी होती नजर नहीं आ रही है। विधेयक न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने पर केंद्र सरकार के कानून की तरह चुप है।

किसान नेताओं ने कहा, यह विधेयक किसानों को बहलाने के लिए लाया गया है। इसपर राष्ट्रपति की सहमति लेना आवश्यक प्रतीत होता है। ऐसे में यह विधेयक किसानों के लिए निराशाजनक है। किसान नेताओं ने कहा, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब केंद्र सरकार कृषि उपज को पूरे देश में बेचने के लिए हर राज्य को स्वतंत्र कर चुकी है तो किस तरह से छत्तीसगढ़ इस कानून को बदलने के लिए नया कानून ला रही है। बेहतर होता कि पंजाब की तर्ज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य में खरीदी को लेकर एक कड़ा कानून लाया जाता, जिसमें MSP से कम की खरीदी पर संबंधित व्यापारिक प्रतिष्ठान, काॅरपोरेट और मंडी अधिकारियों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने का प्रावधान होता ।

किसानों को लाभ नहीं
छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच ने भी कहा, केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को राज्य में प्रभावहीन करने के लिये राज्य सरकार द्वारा विधानसभा के विशेष सत्र में पारित कृषि उपज मंडी में संशोधन विधेयक किसानों के लिये निराशाजनक है। स्वाभिमान मंच के अध्यक्ष राजकुमार गुप्त ने कहा, डीम्ड मंडी घोषित करने, उपजों के परिवहन की निगरानी और जब्ती करने, निजी मंडी के भंडारण की जांच करने, जानकारी छुपाने या गलत जानकारी देने पर 3 माह की सजा का प्रावधान से किसानों को कोई लाभ नहीं होगा। मंच ने कहा, न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी न देकर सरकार ने किसानों की भावनाओं को आहत किया है। मंच ने न्यूनतम मूल्य की स्पष्ट गारंटी देने वाले कानूनी प्रावधानों की मांग की है ।

पांच नवम्बर को चक्काजाम
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की दिल्ली के रकाबगंज गुरुद्वारे में हुई बैठक में केंद्र सरकार के कृषि संबंधी कानून के विरोध में पांच नवम्बर को देश भर में चक्काजाम का फैसला हुआ। इस बैठक में छत्तीसगढ़ से किसान मजदूर महासंघ संयोजक मंडल सदस्य तेजराम विद्रोही और सोहन पटेल शामिल हुए। बैठक में पंजाब, हरियाणा, केरल, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, राजस्थान सहित देश के पंद्रह राज्यों से प्रतिनिधि सम्मिलित हुए।

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