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जाति प्रमाण-पत्र पर विवाद से सियासी घमासान
4 years ago
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जोगी-रमन की जुगलबंदी थी, 15 साल जो नहीं हुआ वो हमने 18 माह में कर दिया : सीएम भूपेश
रायपुर, 19 अक्टूबर 2020/ मरवाही उपचुनाव से पहले जाति प्रमाण-पत्र के विवाद ने सियासी रंग ले लिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भाजपा ने नकली आदिवासी के मुद्दे पर चुनाव लड़ा और सत्ता में आए। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने जाति मामले में पूरे 15 साल लगा दिए और उसी के दम पर सत्ता हासिल की। जोगी की जाति के संबंध में उनकी ही शिकायत थी। सभी जानते हैं कि किस प्रकार से उनकी जुगलबंदी रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो वो 15 साल में नहीं कर पाए हमने 18 महीने में कर दिया। मुख्यमंत्री भूपेश ने कहा कि अनुसूचित जनजाति के नाम पर बहुत से लोग फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर नौकरी करते हैं। शिकायत होती है तो स्टे लेकर सालों तक फायदा उठाते रहते हैं। अब फैसला आया तो भाजपा को इसका स्वागत करना चाहिए।
सरकारी तंत्र का दुरुपयोग: रमन
वहीं पूर्व सीएम रमन सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि मरवाही में सरकारी तंत्र का दुरुपयोग हो रहा है। उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र है, प्रजातंत्र है। इस तरह नामांकन रद्द कर देना यही दिखाता है कि कांग्रेस सरकार घबराई हुई है। चुनाव लड़ना ही नहीं चाहती। रमन ने कहा कि किसी भी तरह से नॉमिनेशन रद्द करने की हड़बड़ी थी। मरवाही में कांग्रेस ने 50 विधायक 5 मंत्री लगा रखे हैं। उनका पूरा तंत्र बैठा है, सरकार है उनकी, मगर वो जानते हैं कि वहां उनकी जमीन खिसक रही है।
वोट नहीं, न्याय मांगने जाएंगे: अमित
नामांकन निरस्त होने के बाद भी अमित जोगी मरवाही जाएंगे। अमित ने कहा कि वे अब वहां वोट मांगने नहीं, बल्कि न्याय मांगने के लिए अपने परिवार के बीच जाएंगे। वे किसी भी दल के पक्ष व विपक्ष में बात नहीं करेंगे।