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डीएमएफ घोटाले में पहली गिरफ्तारी, सहायक आयुक्त माया वारियर सात दिन की ईडी रिमांड पर
रायपुर। डीएमएफ (जिला खनिज फाउंडेशन) घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पहली गिरफ्तारी माया वारियर की है। माया को ईडी की विशेष कोर्ट में पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने सात दिन यानी 23 अक्टूबर तक उन्हें ईडी की कस्टोडियल रिमांड पर भेज दिया है। माया कोरबा में आदिवासी विकास विभाग की सहायक आयुक्त के पद पर थीं। वह अभी मंत्रालय में उपायुक्त हैं।
रिमांड अवधि में माया से घोटाले से संबंधित सवाल और इससे जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों के नाम पूछे जाएंगे। मंगलवार को ईडी की टीम ने माया वारियर को पूछताछ के लिए बुलाया था। वारियर पूर्व सीएम भूपेश बघेल और पूर्व कलेक्टर रहीं रानू साहू की करीबी मानी जाती रही है।
रानू साहू की गिरफ्तारी टली
कोयला घोटाला मामले में रायपुर जेल में बंद निलंबित आइएएस रानू साहू की गिरफ्तारी गुरुवार तक टल गई है। दरअसल रानू साहू को हायपर टेंशन की शिकायत के चलते बुधवार को जेल से कोर्ट नहीं लाया जा सका। डीएफएम घोटाले में ईडी ने रानू साहू को गिरफ्तार कर कस्टोडियल रिमांड पर लेकर पूछताछ की तैयारी की है।
इसके लिए ईडी की विशेष कोर्ट में प्रोडक्शन वारंट का आवेदन लगाया गया था। बुधवार को रानू को जेल से अदालत लाने के बाद कोर्ट की अनुमति से गिरफ्तारी और रिमांड पर लेने की तैयारी ईडी ने कर रखी थी। अब गुरूवार को यह प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
ईडी के विशेष लोक अभियोजक डा.सौरभ पांडेय ने बताया कि निलंबित आईएएस रानू साहू कोरबा में वर्ष 2021-2022 और रायगढ़ में वर्ष 2023 में कलेक्टर के पद पर पदस्थ थी। इस दौरान डीएमएफ फंड का जमकर दुरुपयोग व फर्जीवाड़ा हुआ था। जांच में ईडी को इसके इनपुट मिले हैं। इस प्रकरण की विवेचना फिर से तेज हो.
कोल घोटाले के आरोपियों से 23 को जेल में ईडी करेगी पूछताछ
कोयला घोटाले मामले में रायपुर जेल में बंद सूर्यकांत तिवारी, रजनीकांत तिवारी, निखिल चंद्राकर और रोशन कुमार सिंह से ईडी की टीम 23 अक्टूबर को जेल जाकर पूछताछ करेगी। इसके लिए ईडी की ओर से कोर्ट में आवेदन पेशकर अनुमति मांगी थी, कोर्ट ने सुनवाई के बाद पूछताछ की अनुमति दी है।