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हिन्दी भाषा में सहजता, सुगमता, अपनत्व का भाव है – डॉ. महंत
रायपुर: नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने हिन्दी दिवस के अवसर पर देशवासियों को दी बधाई।
डॉ. महंत ने कहा कि, किसी भी भाषा को राष्ट्रभाषा बनने के लिए उसमें सहजता और सुगमता का होना आवश्यक है जो कि हिन्दी भाषा में है। भारत की एकता में अनेकता हिंदी भाषा की ही देन है। 1949 को भारत की संवैधानिक सभा में राष्ट्रीय भाषा हिन्दी को देवनागिरी लिपि में लिखा गया और हिन्दी को भारत गणराज्य की अधिकारिक भाषा भी घोषित किया गया। हिन्दी भाषा को भारत की अधिकारिक भाषा के रूप में इस्तेमाल करने का फैसला भारत के संविधान में 26 जनवरी, 1950 से प्रभाव में आया है। भारतीय संविधान के मुताबिक, देवनागिरी लिपि में लिखित हिन्दी भाषा को पहले भारत की अधिकारिक भाषा के रुप में अनुच्छेद 343 के तहत अपनाया गया, जिसके बाद हिन्दी भाषा जनसंचार का माध्यम बनती चली गई और इसका महत्व बढ़ता चला गया है।