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कब्र से वापस हुईं पत्नी और बेटियां, सन्न रह गया शख्स, जिनको दफनाया वो कौन थे? दौड़ते हुए पहुंची पुलिस

4 months ago
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छत्तीसगढ: बलरामपुर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। परिवार के मुखिया ने जिस बीवी और दो बेटियों को मरा हुआ समझ दफना दिया था, वह एक साल बाद वापस अपने घर पहुंच गये हैं। एक ओर परिवार में इस घटना से खुशी की लहर है तो वहीं ये पूरा मामला पुलिस के लिये सरदर्द बना हुआ है। सवाल ये है कि एक साल पहले जिन्हें दफनाया गया था, वो कौन थे?

क्या है मामला

दरअसल पिछले साल 14 अगस्त 2023 के दिन रायगढ के खरसीया जिले के देहजरी गांव में एक पहाड़ी नाले में महिला सहित दो बच्चों की लाश मिली थी। खरसिया पुलिस की खोजबीन के दौरान पता चला कि महिला राबिया परवीन पति अबुल हसन (35) ग्राम बासेन, थाना पास्ता, जिला बलरामपुर की रहने वाली थी। उसके चार बच्चे थे, जिसमें गुलस्सा परवीन (3), सीजरा परवीन (6) के अलावा एक लड़का व लड़की शामिल हैं।

बिना बताए घर से चली गई थी पत्नी

वहीं 8 अगस्त 2023 की शाम राबिया अपने दो बेटियों गुलस्सा और सीजरा को लेकर बिना बताए घर से कहीं चली गई थी। इसी बीच पति की एक बार राबिया से फोन पर बात हुई थी तो उसने कहा कि वह अपने मायके गढ़वा झारखंड जा रही है। इसके बाद उसने फोन को बंद कर दिया और तब से उसका फोन बंद आना शुरू हो गया, जिसके बाद उसका परेशान पति अबुल हसन रिश्तेदारों के पास पूछताछ के लिए गया। कहीं कुछ पता न चलने पर उसने तीनों की गुमशुदगी की रिपोर्ट पस्ता थाने में दर्ज कराई।

नाले में मिली थी डेड बॉडी

पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज होते ही तीनों की खोजबीन प्रारंभ कर दी। इसी बीच पस्ता पुलिस को रायगढ पुलिस ने 14 अगस्त 2023 को एक महिला और दो बच्चों के शवों के मिलने की जानकारी दी, जिसके बाद फोटो देखकर अबुल हसन से तीनों की शिनाख्त करने के लिए कहा गया। अबुल हसन को लेकर पुलिस खरसिया भी पहुंची। कुछ संदेह के बीच सड़ने की स्थिति में आ चुके शवों की पहचान अबुल हसन ने राबिया एवं दोनों बेटियों के रूप में की। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के बाद अबुल हसन को सौंपा। अबुल हसन ने तीनों का विविधत अंतिम संस्कार भी कर दिया। इसके बाद अबुल हसन वापस घर बासेन आ गया।

महिला को बन गई थी बंधक

इन्ही सब के बीच करीब चार माह पूर्व सीजरा परवीन अपनी दोनों बेटियों के साथ वापस मायके झारखंड लौट आई। सीजरा परवीन ने बताया कि घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। पति से विवाद होने के बाद वह घर से निकल गई एवं अंबिकापुर आ गई। यहां से वह अंबिकापुर-जबलपुर ट्रेन में सवार हो गई। सीजरा परवीन ने बताया कि कुछ दलालों ने उसे बच्चों सहित राजस्थान पहुंचा दिया, जहां वह बंधक बन गई। वहां उसे काम के पर्याप्त पैसे भी नहीं मिले। वह किसी तरह वहां से बच्चों को लेकर भाग निकली एवं झारखंड पहुंच गई। एक माह पूर्व ससुराल वालों ने उन्हें कुसमी पहुंचा दिया।

शव की हालत हो गई थी खराब

इधर घर लौटै परिवार को देखकर अबुल हसन ने कहा कि शवों को देखकर शंका हुई थी। हालांकि शव इस हालत में नहीं थे कि बारीकी से शिनाख्त की जा सके। हालांकि उसने पत्नी व बच्चों के वापस लौटने की उम्मीद छोड़ दी थी। अब वे लौट आए हैं तो खुशी है।

खुद दी पुलिस को सूचना

वहीं अपनी पत्नी व बच्चों के लौट आने की सूचना अबुल हसन ने पस्ता थाने में दी। उनके माध्यम से सूचना रायगढ़ पुलिस को दी गई। रायगढ़ पुलिस ने कुसमी पहुंचकर इसकी शिनाख्त भी की। रायगढ़ पुलिस के लिए परेशानी बढ़ गई है कि खरसिया में मिले महिला एवं बच्चों के शव किसके थे।

पुलिस के लिए सिरदर्द बना मामला

सिरदर्द बने इस मामले को लेकर रायगढ़ एएसपी आकाश मरकाम ने कहा कि खरसिया में एक वर्ष पूर्व मिले शवों की शिनाख्त अबुल हसन ने की थी। अब उसकी पत्नी एवं दोनों बेटियां लौट आई हैं। एक सप्ताह पूर्व ही इसकी सूचना मिली तो रायगढ़ पुलिस ने इसकी तस्दीक कर ली है। अब खरसिया की नदी में मिले शवों की शिनाख्त की कोशिश फिर से की जाएगी।

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