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छत्तीसगढ़ में टला मंत्रिमंडल विस्तार, केदार कश्यप को सौंपा गया संसदीय कार्य मंत्री का अतिरिक्त प्रभार
छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ दिनों से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लग गया है. विष्णुदेव साय कैबिनेट का विस्तार फिलहाल टल गया है. इसे इस बात से समझा जा सकता है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बृजमोहन अग्रवाल के मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद संसदीय कार्य मंत्री का प्रभार वन मंत्री केदार कश्यप को सौंप दिया है. देर रात जारी आदेश में केदार कश्यप को संसदीय कार्य मंत्री का प्रभार दिया गया है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोशल साइट एक्स पर उन्हें बधाई देते लिखा, ‘संसदीय कार्य मंत्री का प्रभार मिलने की बधाई शुभकामनाएं.’
दरअसल, रायपुर से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद बृजमोहन अग्रवाल को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. जिसके चलते मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर राजनीतिक अटकलें तेज हो गई थी. फिलहाल, मंत्री केदार कश्यप को संसदीय कार्य मंत्री का प्रभार मिलते ही इन अटकलों पर विराम लग चुका है. बता दें कि मंत्री केदार कश्यप के पास वन, जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, कौशल विकास और सहकारिता विभाग पहले से ही हैं.
भाजयुमो से शुरू की राजनीतिक पारी
वन मंत्री केदार कश्यप बस्तर क्षेत्र के युवा आदिवासी नेता हैं. उनके पिता बलिराम कश्यप बीजेपी के बड़े नेता थे और बस्तर से सांसद रह चुके हैं. केदार कश्यप ने राज्य बनने के बाद पिता की विरासत को आगे बढ़ाते हुए भाजयुमो की राजनीति में सक्रिय रूप से जुड़ गए. बीजेपी ने उन्हें 2003 में नारायणपुर से प्रत्याशी बनाया, इस तरह वे पहली बार विधायक चुने गए. इसके साथ ही उन्हें पहली बार में ही रमन कैबिनेट में मंत्री बनाया गया.
सबसे ज्यादा अनुभवी मंत्रियों में से एक
वर्ष 2003, 2008 और 2013 में वे लगातार तीन बार चुनाव जीते और मंत्री रहे. लेकिन, 2018 के चुनाव में बीजेपी की करारी हार में वे भी चुनाव हार गए. इसके बाद 2023 में बीजेपी की सरकार बनी और साय कैबिनेट में उन्हें वन मंत्री बनाया गया. वर्तमान में केदार कश्यप साय कैबिनेट में सबसे ज्यादा अनुभवी मंत्री में से एक हैं. रामविचार नेताम, दयाल दास बघेल और केदार कश्यप को छोड़ दिया जाए तो साय कैबिनेट में सभी पहली बार मंत्री बने हैं.